नई दिल्ली: सत्ता से लगभग-लगभग गुम हो चुकी कांग्रेस साल 2019 में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में एकबार फिर से अपने वर्चस्व में लौटना चाहती है। इसके लिए पार्टी ने आज संविधान बचाओ अभियान की शुरुआत की। जिसका मकसद संविधान और दलितों पर कथित हमलों के मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाना है। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले दलित समुदाय के बीच अपनी पैठ बढ़ाने के प्रयास के तहत कांग्रेस का यह अभियान काफी अहम माना जा रहा है।
वहीं राहुल गांधी सीधेतौर पर मोदी सरकार को इशारा कर चुके हैं कि आगामी चुनावों में मोदी तैयार रहे जनता की मन की बात सुनने के लिए..। वैसे ही समय समय पर पीएम मोदी को राहुल गांधी एंड पार्टी पर तंज कसते रहते हैं।
दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने भाषण की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की किताब ‘कर्मयोगी-नरेंद्र मोदी’ के शब्दों से की। यहां राहुल गांधी के भाषणकी मुख्य बाते बताई गई हैं-
राहुल ने दिया टायलेट पर जोर-
राहुल ने अपना भाषण वाल्मिकी समाज और टायलेट की सफाई को लेते हुए कहा कि, पीएम नरेंद्र मोदी टॉयलेट साफ करने को आध्यात्मिकता मानते हैं। उन्हें लगता है कि टॉयलेट साफ करने वाला ऐसा पेट भरने के लिए नहीं, बल्कि आध्यात्मिकता के लिए कर रहा है। पीएम मोदी के दिल में दलितों, महिलाओं और कमजोर वर्ग के लोगों के लिए कोई जगह नहीं है। देशभर में दलितों व बहुसंख्यकों पर अत्याचार हो रहा है, लेकिन मोदी चुप्पी साधे हुए हैं ये तो हमारा संविधान है जो हमारी रक्षा कर रहा है।
बेटी बचाओं होगा भाजपा का अगला नारा-
राहुल गांधी ने कहा कि पिछली बार नरेंद्र मोदी और भाजपा ने 15 लाख रुपये, दो करोड़ युवाओं को रोजगार, किसानों को उनकी फसल का सही दाम आदि देने का नारा दिया था। पहले उनका नारा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ था, लेकिन 2019 में सिर्फ ‘बेटी बचाओ’ नारा होगा। राहुल गांधी ने कहा कि पिछले दिनों कठुआ-उन्नाव में बच्चियों से रेप हुआ। आए दिन ऐसी घटनाएं हो रही हैं, लेकिन नरेंद्र मोदी अपने ही एमएलए के खिलाफ कुछ नहीं बोलते हैं। इस मुद्दे पर आईएमएफ की चीफ ने भी उनसे शिकायत की। ऐसा पहली बार हुआ है।
15 मिनट संसद में बोलूं तो नरेंद्र मोदी खड़े नहीं हो पाएंगे-
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि एक व्यक्ति से मोदी जी ने पूछा कि देश के दलित उनसे गुस्सा क्यों हैं। मैं बताना चाहता हूं कि पीएम की विचारधारा दलितों के समर्थन वाली नहीं है। दलितों के खिलाफ अत्याचार बढ़ रहा है लेकिन मोदी जी लगातार चुप रहे हैं। यूपी, ऊना जैसे मामले सामने आ रहे हैं। कांग्रेस ने गुजरात में आवाज़ उठाई तब तीन दिन बाद स्टेज पर मोदी जी आते हैं और आंसू निकल आते हैं।
राहुल ने कहा कि देश में जो भी संवैधानिक संस्था हैं उन्हें दबाया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के चार जज जनता के सामने इंसाफ के लिए गुहार लगाने आए थे। राहुल ने कहा कि सरकार ने उन्हें संसद में बोलने से रोका, अगर वो राफेल और नीरव मोदी के मुद्दे पर अगर मैं 15 मिनट संसद में बोलूं तो नरेंद्र मोदी जी खड़े नहीं हो पाएंगे।
क्या है इस अभियान का मकसद-
यह अभियान अगले साल संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर की जयंती (14 अप्रैल) तक जारी रहेगा। अभियान के संबंध में कांग्रेस के एक नेता ने कहा, ‘बीजेपी सरकार में संविधान खतरे में है। दलित समुदाय को शिक्षा और नौकरियों में अवसर नहीं मिल रहे हैं। इस अभियान का मकसद इन मुद्दों को राष्ट्रीय स्तर पर उठाना है।’
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