प्राइवेट सेक्‍टर के कर्मचारियों को मिलेगी 20 लाख तक टैक्‍स फ्री ग्रेच्‍युटी, इन दो बिलों को मिली मंजूरी

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नई दिल्ली: लोकसभा में गुरूवार को दो अहम बिलों को पास कर दिया है। जिसमें से एक है बिल पेमेंट ऑफ ग्रेच्‍युटी अमेंडमेंट बिल और स्‍पेसिफिक रिलीफ अमेंडमेेंट बिल। इन दोनों बिलों को बिना बहस के पास कर दिया गया। विपक्षी सदस्‍यों ने इन बिलों पर बहस और मत विभाजन की मांग की थी। लेकिन, विपक्ष के हंगामे के बीच बिल को ध्‍वनिमत से पारित कर दिया गया।

क्या हुआ बिल में बदलाव-
पेमेंट ऑफ ग्रेच्‍युटी एक्‍ट में प्रावधान था कि प्राइवेट सेक्‍टर में काम करने वाले कर्मचारी को 10 लाख रुपए से ज्‍यादा ग्रेच्‍युटी नहीं दी जा सकती है। संशोधन के बाद अब प्राइवेट सेक्‍टर में काम करने वाले कर्मचारियों को 20 लाख रुपए तक टैक्‍स फ्री ग्रेच्‍युटी मिल सकेगी। केंद्र सरकार के कर्मचारियों को पहले ही 20 लाख रुपए तक टैक्‍स फ्री ग्रेच्‍युटी देने का नियम है। ट्रेड यूनियंस काफी लंबे समय से प्राइवेट सेक्‍टर में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए ग्रेच्‍युटी की सीमा 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 20 लाख रुपए करने की मांग कर रही थीं।

जल्द तय होंगे अधिकतम मैटरनिटी लीव- 
बिल पास होने से अब सरकार तय कर सकेगी कि किसी कर्मचारी को अधिकतर कितनी मैटरनिटी लीव दी जा सकती है 1991 एक्‍ट के तहत अधिकतम मैटरनिटी लीव को मैटरनिटी बेनेफिट अमेंडमेंट एक्‍ट 2017 के जरिए 12 सप्‍ताह से बढ़ाकर 26 सप्‍ताह तक कर दिया गया था। अब यह बिल केंद्र सरकार को यह अधिकार देता है कि वह अधिकतम मैटरनिटी लीव की संख्या तय कर सके।

विपक्ष ने क्या उठाया मुद्दा-
लोकसभा अध्‍यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदस्‍यों से कहा कि वे खासकर पेमेंट ऑफ ग्रेच्‍युटी अमेंडमेंट बिल पर डिबेट चाहती हैं। लेकिन, विपक्ष और टीडीपी के सदस्‍यों के हंगामे के बीच उन्‍होंने श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार को बिल और अमेंडमेंट पेश करने की अनुमति दे दी। आरएसपी सदस्‍य एनके प्रेमचंद्रन और कांग्रेस के दस्‍य अधीर रंजन चौधरी ने कटौती प्रस्‍ताव पेश किया, लेकिन उनका प्रस्‍ताव ध्‍वनि मत से खारिज हो गया और सरकार की ओर से पेश किए गए अमेंडमेंट को मंजूर कर लिया गया।

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