चेन्नई. आईएनएक्स मीडिया केस में आरोपी और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को सीबीआई ने चेन्नई एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है वह जांच एजेंसी की किसी भी प्रकार की मदद नहीं कर रहे थे जिसके चलते आज उनको एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया गया है।
जानकारी के मुताबिक कार्ति को बुधवार सुबह आठ बजे गिरफ्तार किया गया। कार्ति चिदंबरम के वकीलों ने उनकी गिरफ्तारी की पुष्टि की है। कार्ति लंदन से भारत लौट रहे थे, सीबीआई ने चेन्नई एयरपोर्ट पर ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया। कार्ति को इमिग्रेशन काउंटर पर रोका गया था। इमिग्रेशन को उनके मूवमेंट की जानकारी थी। यहां से उन्हें लाउंज में ले जाया गया और वहीं उनकी गिरफ्तारी हुई।
अभी कार्ति की गिरफ्तारी पर उनके पिता ची. चिदंबरम की ओर से कोई बयान नहीं आया है। चिदंबरम इस समय लंदन में हैं। कार्ति भी वहीं से लौट रहे थे। मिली जानकारी के अनुसार वह कोर्ट की इजाजत लेकर लंदन गए थे। कुछ दिन पहले ही उनके सहयोगी और चार्टर्ड अकाउंटेंट एस भास्करन को भी गिरफ्तार किया गया था।
क्या है आरोप-
मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला आईएनएक्स मीडिया कंपनी से जुड़ा है। इसकी डायरेक्टर शीना बोरा हत्याकांड की आरोपी इंद्राणी मुखर्जी थी। कार्ति पर आरोप है कि उन्होंने आईएनएक्स मीडिया के लिए गलत तरीके से फॉरन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (FIPB) की मंजूरी प्राप्त की। इसके बदले में उन्होंने आईएनएक्स मीडिया से 3.5 करोड़ रुपए की रिश्वत ली। उस वक्त पी चिदंबरम वित्त मंत्री थे। आरोप है कि कार्ति ने इंद्राणी की मदद करने में अपने पिता के रुतबे का इस्तेमाल किया। यह केस 2006-07 का है। इस संबंध में पिछले साल 15 मई को मामला दर्ज किया गया था। बता दें इंद्राणी मुखर्जी वहीं है जिन्होंने अपनी बेटी शीना का मर्डर किया था।
कौन लाया मामला सुर्खियों में-
साल 2015 में भाजपा के नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने कार्ति चिदंबरम की विभिन्न कंपनियों के बीच वित्तीय लेनदेन का खुलासा किया था। स्वामी ने आरोप लगाया कि यूपीए सरकार में वित्त मंत्री रहते पी. चिदंबरम ने बेटे कार्ति को एयरसेल-मैक्सिस मर्जर से लाभ उठाने में मदद की। इसके लिए उन्होंने दस्तावेजों को जानबूझकर रोका और अधिग्रहण प्रक्रिया को नियंत्रित किया ताकि उनके बेटे को अपनी कंपनियों के शेयर की कीमत बढ़ाने की दिशा में कारोबारी कदम उठाने का वक्त मिल जाए।
क्या है एयरसेल मैक्सिस मामला-
कार्ति एयरसेल मैक्सिस डील मामले में भी आरोपी हैं। इसमें पी चिदंबरम की भूमिका की भी जांच की जा रही है। खबरों के अनुसार, पी चिदंबरम ने वित्त मंत्री रहते हुए 2006 में ही 600 करोड़ की एयरसेल-मैक्सिस डील को मंजूरी दी थी। जबकि इसके लिए कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स (CCEA) का अप्रूवल लिया जाना था। मलेशियाई कंपनी मैक्सिस द्वारा एयरसेल में 100 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करने के मामले में रजामंदी देने को लेकर चिदंबरम पर अनियमितताएं बरतने का आरोप है।
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