देश में 10-14 साल के 6 लाख बच्चे रोज पीते हैं सिगरेट, लड़कियां भी आगे

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नई दिल्ली: भारत में सरकार की तंबाकू उत्पादों पर रोक लगाने के बाद भी उनके नतीजे वैसे नहीं मिल रहे हैं जैसी सरकार की कोशिश रही है। ग्लोबल टोबैको एटलस की रिपोर्ट के मुताबिक  रोजाना 6.25 लाख बच्चे सिगरेट पीते हैं।  हैरानी ये जानकार होगी कि इन बच्चों की उम्र 10-14 साल के बीच है।

हर साल देश में 9,32,600 लोगों की जान तंबाकू की वजह से होने वाले रोगों की वजह से चली जाती है। मतलब कि एक सप्ताह में 17,887 लोगों की मौत तंबाकू के सेवन से होती है। यह डाटा अमेरिकन कैंसर सोसाइटी ने जारी किया है।

10-14 साल के बीच धूम्रपान का सेवन करने वाले बच्चों में 429,500 लड़के और 195,500 लड़कियां शामिल हैं। आंकड़ों के मुताबिक साल 2016 में 82.12 बिलियन सिगरेट की खपत हुई थी। मजेदार बात यह है कि साल 2016 में सिगरेट की बिक्री से कम्पनियों की 346 बिलियन डॉलर की कमाई हुई थी। जो कि भारत देश की जीडीपी के 15 प्रतिशत के बराबर है।

अमेरिकन कैंसर सोसायटी और वाइटल स्ट्रैटजीज द्वारा तैयार रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत में धूम्रपान की आर्थिक लागत 18,18,691 मिलियन रुपये है। इसमें स्वास्थ्य सेवा से जुड़ी प्रत्यक्ष लागत और असामयिक मौत व अस्वस्थता के कारण उत्पादकता नष्ट होने से जुड़ी अप्रत्यक्ष लागत शामिल है।

पिछले हफ्ते जारी हुई इस रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2016 में भारत में 82.12 अरब सिगरेट का उत्पादन हुआ। इसमें बताया गया कि विश्व की छह प्रमुख तंबाकू कंपनियों का संयुक्त राजस्व 346 अरब डॉलर से ज्यादा था जो भारत की कुल राष्ट्रीय आय के15 प्रतिशत हिस्से के बराबर है।

रिपोर्ट में कहा गया, “ यह उद्योग एक ताकतवर बल है जिसे छोटे राष्ट्र- राज्यों की कार्रवाई का डर नहीं होता क्योंकि उनके पास अत्यधिक संसाधन और वैश्विक बाजार की ताकत है। बड़ी अर्थव्यवस्थाओं और राष्ट्रों के पास मौका है कि वह छोटे सहयोगियों की इस खतरे से निपटने में मदद करें।”

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