देश का चौथा बड़ा फैसला कल, पूरे शहर की तलाशी में जुटी पुलिस

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जोधपुर: देश के सबसे चर्चित यौन उत्पीड़न मामलों में से एक आसाराम केस में बुधवार को जोधपुर सेंट्रल जेल में लगने वाली कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी। सुरक्षा को देखते हुए इस दिन शहर में आसाराम समर्थकों के लिए ‘नो एंट्री’ रहेगी। शहर के सभी रेलवे स्टेशनों और बस अड्‌डों पर खुफिया एजेंसियां नजर रख रही हैं। सभी थानों की पुलिस टीमों ने सोमवार को होटलों की हर चार घंटे में तलाशी लेकर इनमें ठहरे लोगों की जानकारी ली। जेल का हॉल कोर्ट रूम के लिए तैयार है।

काबिलेगौर है कि यह वही हॉल है जहां 31 साल पहले टाडा कोर्ट बनी थी और कठघरे में अकाली नेता गुरचरणसिंह टोहरा खड़े थे। वहीं आसाराम व उसके चार साधक भी अपना फैसला सुनेंगे। जेल में फैसला सुनाने के देश में चंद ही उदाहरण हैं। जिनमें इंदिरा गांधी के हत्यारों, आतंकी कसाब और राम-रहीम को भी जेल में ही फैसला सुनाया गया था। यह चौथा मामला है, जब सुरक्षा कारणों से कोर्ट अपना फैसला जेल में ही सुनाएगा।

4 साल चली कोर्ट, अब 1 दिन के लिए लगेगी
-25 अप्रैल को एक दिन के लिए यहीं एससी-एसटी की विशेष अदालत लगेगी। पीठासीन अधिकारी मधुसूदन शर्मा आरोपी आसाराम, उसके साधक शिवा, शिल्पी, शरतचंद्र व प्रकाश का फैसला करेंगे।

-रिटायर्ड जेलर हिम्मतसिंह के मुताबिक 1985 में जेल के वार्ड में स्पेशल टाडा कोर्ट बनी थी। ये 1988 तक चली।
हथियारबंद जवान पहरा देंगे जोधपुर जेल प्रदेश की एकमात्र जेल थी जहां हथियारबंद आरएसी जवान पहरा देते हैं। डीआईजी जेल विक्रम सिंह ने बताया कि जेल के भीतर इनको हथियार रखने की इजाजत नहीं है, पहले आतंकियों की ट्रायल व आसाराम के फैसले को देखते हुए फिर से हथियारबंद जवान पहरा देंगे।

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