सुरक्षा पर बड़ा सवाल, जयपुर जेल में बंद कैदियों ने होली के फोटो फेसबुक पर डाले, यहां देखिए

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राजस्थान: जोधपुर जेल में बंद हत्या के आरोपी शंभूनाथ द्वारा वीडियो वायरल करने के बाद जयपुर सेंट्रल जेल में बंद हिस्ट्रीशीटर और हार्डकोर आरोपियों के स्मार्ट फोन से सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। दैनिक भास्कर के अनुसार, जयपुर सेंट्रल जेल के वार्ड नंबर 3 और 5 में बंद आरोपियों द्वारा धुलंडी के दिन होली खेलने की फोटो है। सोशल साइट्स पर अपलोड किए गए इन फोटो में बैरक में कई आरोपी होली खेल रहे हैं कोई वीडियो बना रहा है तो कोई सेल्फी लेकर फेसबुक पर अपलोड कर रहा है।

इन फोटो में जयपुर का नामचीन हार्डकाेर बदमाश श्रवण सोनी मोबाइल पर बात कर रहा है तो जवाहरनगर व महेश नगर इलाके में स्कूल संचालक पर फायरिंग करने वाला आरोपी मनीष सैनी जेल में बंद अपने साथियों के साथ सेल्फी फोटो लेकर फेसबुक पर अपडेट कर रहा है। आरोपी मनीष ने 4 मार्च को फेसबुक पर अपने साथियों के साथ जेल की वार्ड नंबर 3 की बैरक नंबर 2 और वार्ड नंबर पांच की बैरक की फाेटो शेयर की है।

ग्रुप फोटो में 20 से ज्यादा अपराधी हैं। जयपुर सेंट्रल जेल की सुरक्षा के लिए करीब 250 पुलिसकर्मी तैनात हैं। उनमें आरएसी के 51, बॉर्डर होमगार्ड के 70, हाेमगार्ड के 25 और जेल सुरक्षा के 110 जवान हैं। इन पुलिसकर्मियों की आठ-आठ घंटे की तीन शिफ्टों में ड्यूटी होती है। ऐसे में तलाशी और सुरक्षा में इतनी संख्या में पुलिसकर्मियों के लगने के बाद भी जेल में बंद बदमाशों के पास आसानी से मोबाइल फोन पहुंच रहे है।

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जेल में बंद एक कैदी ने बताया कि जेल में बंद नामचीन बदमाशों ने जेल के अंदर ही एक गैंग चला रखी है। उनसे बैरक के प्रहरी व जेल सुरक्षाकर्मी मिले हुए है। जेल में 10 हजार रुपए से 30 हजार रुपए में स्मार्ट फोन बिकते है। गौरतलब है कि इससे पहले भी हिस्ट्रीशीटर विशाल चौधरी समेत अन्य बदमाशों द्वारा जेल में रहते हुए मोबाइल फोन से फेसबुक अपडेट करने के मामले आ चुके है।

हाईकोर्ट ने अदालती आदेश के बावजूद भी प्रदेश की जेलों में सुधार की कार्रवाई नहीं होने पर हाल ही में नाराजगी जताई है। ऐसे में पालना नहीं करने पर कोर्ट ने डीजीपी अोपी गल्होत्रा, डीजी जेल भूपेन्द्र यादव और गृह सचिव को 22 मार्च को तलब करके स्पष्टीकरण मांगा है। जेलों में मोबाइल की रोकथाम के लिए कई बार दिशा-निर्देश दिए जा चुके हैं। लेकिन जेलों में मोबाइल की रोकथाम नहीं रुक रही है।

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