जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने चाहे मोबाइल पर बात करते हुए पाए जाने पर चालक का लाइसेंस रद्द करने के आदेश दिए हो लेकिन परिवहन विभाग ने पिछले 29 साल में सिर्फ एक लाइसेंस रद्द किया है। परिवहन विभाग को मोटर व्हीकल एक्ट के तहत खतरनाक ड्राइविंग करने पर लाइसेंस निलंबन का अधिकार है लेकिन राजस्थान में कभी इसका इस्तेमाल ही नहीं हुआ।
दैनिक भास्कर के मुताबिक, पिछले 29 साल में प्रदेश में 105 गंभीर सड़क दुर्घटनाएं ड्राइवर की लापरवाही से हुई हैं। इनमें परिवहन और ट्रैफिक पुलिस यदि कार्रवाई करती तो ड्राइवर का लाइसेंस रद्द होना तय था। ये ऐसी दुर्घटनाएं हैं जिनमें ड्राइवर की गलती से 5 से ज्यादा लोगों की मौत हुई। इनमें कई दुर्घटनाएं चालक के मोबाइल पर बात करने के दौरान हुई।
कोर्ट का आदेश : मोबाइल पर बात करना साबित हुआ तो विभाग करेगा लाइसेंस रद्द
एसीएस परिवहन शैलेंद्र अग्रवाल के मुताबिक अभी कोर्ट के आदेश की कॉपी नहीं मिली है लेकिन आरटीओ-डीटीओ को कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ के प्रवर्तन इंस्पेक्टर की तरफ से वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात किया जाना साबित हुआ तो लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। फिलहाल परिवहन विभाग ड्राइविंग के समय मोबाइल पर बात करने पर सिर्फ तीन महीने के लिए लाइसेंस निलंबित करने की कार्रवाई कर रहा था। कोर्ट के आदेशों के बाद अब मोबाइल पर बात करने पर लाइसेंस रद्द किया जाएगा।
लाइसेंस रद्द करने से पहले मिलेगा अपील का अधिकार
ड्राइविंग के समय मोबाइल पर बात करना साबित होने पर लाइसेंस रद्द हो गया तो लाइसेंस धारक को अपील करने का अधिकार होगा। लाइसेंस धारक आरटीओ में अपील करेगा। अपील खारिज हो जाती है तो परिवहन आयुक्त के सामने अपील करनी होगी। यहां से भी अपील खारिज होने पर लाइसेंस धारक कोर्ट जा सकेगा।
इनमें हो रहे हैं लाइसेंस निलंबित
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत वर्तमान में छह मामलों में लाइसेंस निलंबित किए जा रहे हैं। कोर्ट के आदेश के तहत न्यूनतम तीन महीने के लिए और अधिकतम 6 माह के लिए लाइसेंस निलंबित हो रहे हैं। इसमें तेज गति से वाहन चलाना, लाल बत्ती का उल्लंघन, ओवरलोडिंग, भार वाहन में यात्री परिवहन, वाहन चलाते समय मोबाइल का उपयोग और नशे में वाहन चलाने जैसे अपराध शामिल हैं।
पुलिस ने 175 वाहन चालकों के लाइसेंस जब्त किए
हाईकोर्ट के निर्णय के बाद अब ट्रैफिक पुलिस ने भी मोबाइल पर बात करते हुए वाहन चलाने पर सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। 27 अप्रेल से 3 मई तक ट्रैफिक पुलिस ने मोबाइल पर बात करते हुए 175 वाहन चालकों के लाइसेंस जब्त किए। पुलिस ने इन चालकों की फोटो को सबूत के तौर पर परिवहन विभाग को भिजवा रही है ताकि उनके लाइसेंस रद्द किए जा सकें। हालांकि, जनवरी से मार्च तक जयपुर कमिश्नरेट की ट्रैफिक पुलिस ने 300 से ज्यादा वाहन चालकों के लाइसेंस निरस्त करने के लिए रिपोर्ट परिवहन विभाग को भेजी थी। इनमें से सिर्फ 19 लाइसेंस ही अभी तक निलंबित हुए हैं। इनमें से रद्द एक भी लाइसेंस नहीं हुआ।
मोबाइल पर बात करने वाले चालकों के लाइसेंस निरस्त कराने की कार्रवाई के लिए परिवहन विभाग को लिखा जा रहा है। लाइसेंस को निरस्त या निलंबन की कार्रवाई के लिए लिखा जाता है। मोबाइल पर बात करने वाले चालकों के खिलाफ पहले भी कार्रवाई की जाती है। परिवहन विभाग की कार्रवाई बहुत धीमी है। –नाजिम अली, एडिशनल डीसीपी, ट्रेैफिक
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