जोधपुर: आसाराम मामले में जोधपुर सेंट्रल जेल में विशेष अदालत से बुधवार को फैसला आ गया है। कोर्ट ने आसाराम समेत पांचों आरोपियों को दोषी करार दे दिया है। इस मामले में आसाराम के अलावा उसके सेवादार शिवा, बेहद करीबी शरतचंद्र, छिंदवाड़ा हॉस्टल की वॉर्डन शिल्पी और प्रकाश नाम शख्स भी आरोपी है. इस पर आरोप है कि इन्होंने लड़की को आसाराम तक पहुंचाने में मदद की।
साढ़े चार साल से जोधपुर जेल में बंद अासाराम के खिलाफ अपनी ही शिष्या से दुष्कर्म करने का अारोप है। पॉक्सो एक्ट के तहत ये पहला बड़ा फैसला होगा। नाबालिगों से दुष्कर्म के लिए देश में फांसी की सजा का प्रावधान हो चुका है और बुधवार की सुबह जोधपुर सेंट्रल जेल से भी नाबालिगों के संरक्षण के लिए बने पॉक्सो एक्ट का पहला बड़ा फैसला आने वाला है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राजस्थान सहित गुजरात और हरियाणा को सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने के निर्देश दिए हैं। तीनों राज्यों को फैसले के बाद किसी भी सूरत में हिंसा नहीं होने देने काे कहा गया है। तीनों ही राज्यों में आसाराम के अनुयायी काफी संख्या में हैं। हाईकोर्ट के आदेश पर जोधपुर में पहले ही निषेधाज्ञा लागू की जा चुकी है।
फैसला लंबा और ऐतिहासिक होगा क्योंकि 2012 में बने पॉक्सो एक्ट तथा 2013 में द क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट प्रभाव में आने के बाद ही आसाराम के खिलाफ केस दर्ज हुआ था और उसके खिलाफ आईपीसी की 376, 376(2)(f), 376(d) तथा पॉक्सो एक्ट की 5(f)(g)/6 व 7/8 धाराएं भी इन नए बदलावों के तहत लगी थी। फैसला क्या होगा यह तो बुधवार को ही पता चलेगा, मगर केस के फैक्ट, महीनों तक चली जिरह और गुजरात में दर्ज मुकदमों की पेंडिंग ट्रायल से लगता है कि आसाराम को कम से कम 10 साल की सजा हो सकती है, प्रावधान उम्रकैद तक का है।
गिरोह बना कर दुष्कर्म करने (376 D) के आरोप में उसके सेवादार शिवा, शरतचंद्र, शिल्पी व प्रकाश का भी फैसला होना है, प्रकाश ने तो जमानत ली ही नहीं और वह आसाराम की सेवा जेल में कर रहा है। अन्य तीनों जमानत पर हैं। ये भी कानून में संशोधन के कारण गैंग रेप के आरोपी बने हैं इसलिए अब जो भी फैसला होगा, वह सुप्रीम कोर्ट तक जाएगा तथा देश की न्यायिक व पुलिस अकादमियों में पढ़ाया जाएगा।
12 जमानत याचिकाएं लगाईं, सभी खारिज :
एक सितंबर, 2013 को गिरफ्तारी के बाद से आसाराम जेल में है। बाहर निकलने को आसाराम ने 12 जमानत याचिकाएं लगाई। इनमें से 6 तो ट्रायल कोर्ट में और तीन-तीन राजस्थान हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में खारिज हुईं। आसाराम पर गुजरात में भी दुष्कर्म का एक मामला चल रहा है।
दोषी तय होने की उम्मीद क्यों?
1. पीड़िता न डिगी न डरी, 27 दिन की लंबी जिरह में 94 पेज में दिए बयान।
2. जांच अधिकारी ने 60 दिन तक हर धारा पर दिए ठोस जवाब, 204 पेज के बयान।
3. पीड़िता को बालिग साबित करने के हर संभव प्रयास, उम्र पर संदेह की वजह नहीं।
4. अभियोजन की कहानी को सपोर्ट करने वाले कृपालसिंह के बयान, जिसे मार दिया।
5. पूरी कहानी दुष्कर्म की नई परिभाषा पर टिकी, वह टूटी तो केस ही बिखर सकता है।
आरोप मुक्ति के आसार कम?
1. जहां लाखों लोगों की आस्था जुड़ी होती है, उसका अपराध ज्यादा गंभीर माना जाता है।
2. जिसके संरक्षण में नाबालिग रहता है, वही उसका शोषण करे तो और भी संगीन है।
3. बचाव पक्ष का जोर बालिग साबित करने का था, उसमें वह कामयाबी नहीं मिल पाई।
4. पीडि़ता के पिता पर 50 करोड़ मांगने का आरोप लगाया, 2008 से साबित नहीं हुआ।
5. केस के 3 अहम गवाह में से 2 की हत्या हो गई व एक की हत्या का प्रयास हुआ।
जेल से छूटना आसां नहीं, क्योंकि
1.पॉक्सो एक्ट 2012 में नाबालिग की उम्र 16 से 18 हो गई, पीडि़ता 17 वें वर्ष में थी।
2. द क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट 2013 में दुष्कर्म की परिभाषा बदल गई, इसलिए 376 लगी।
3. धाराएं ऐसी, कम से कम 10 साल की सजा तो होगी ही, उम्रकैद के भी प्रावधान।
4.दस साल की सजा होने पर छह माह में पैरोल का हकदार, सजा का मकसद अधूरा।
5. गुजरात जेल में ट्रांसफर होगा, वहां ट्रायल पेंडिंग होने से बाहर आने की उम्मीद कम।
आसाराम के लिए जेल भी आश्रम जैसा
पीड़ित परिवार व गवाह 5 साल से दहशत में है। अब तक 9 गवाहों पर हमले हो चुके हैं। मगर आसाराम जेल में बिंदास और स्वस्थ है। जेल का एक पुराना वीडियो है जिसमें आसाराम गाते व तालियां बजाते हुए दिखता है। उसका खाना आश्रम से आता है। कैदियों को प्रसाद में देने के लिए उसके पास टॉफियां व ड्राइफ्रूट भी है। पहले दो साल तक तो समर्थक शहर में उत्पात मचा कर धारा 151 में गिरफ्तार हो जेल पहुंच जाते थे व आसाराम से अभ्रदता करने वालों की पिटाई करते थे। यह बात पुलिस को पता चली तो समर्थकों को जेल भेजना बंद कर दिया। जेल डीआईजी विक्रमसिंह बताते हैं कि सुरक्षा के कारणों से आसाराम को दूसरे कैदियों से अलग रखा है। इस केस का आरोपी प्रकाश फरवरी 14 में जमानत होने के बावजूद बाहर नहीं आया, हर वक्त उसकी सेवा में लगा रहता है। सेवादार शिवा, शरतचंद्र व शिल्पी जमानत पर हैं और आसाराम की बाहरी दुनिया को संभाले हुए हैं।
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