दुनियाभर के लोग हैरान, कैसे बचा सकता कोई एक आदमी 24 लाख बच्चों की जिंदगी, देखिए तस्वीरें

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सिडनी: आस्ट्रेलिया के 81 साल के जेम्स हैरिसन साधारण शख्स हैं लेकिन उन्होंने असाधारण काम कर दुनियाभर में प्रसिद्धि पा ली है। जेम्स के कारनामे की खबर जब मीडिया ने दिखानी शुरू की तो देखते ही देखते जेम्म विश्वभर में मशहूर हो गए। लोग इनके कामों की चर्चा फेसबुक और ट्विटर पर जमकर कर रहे हैं।

जेम्स ने ये कारनाम अपने ब्लड से करके दिखाया है। 54 साल में करीब 24 लाख बच्चों की जिंदगी बचाई गई है। इसलिए इन्हें ‘ए मैन विद गोल्डन ऑर्म’ भी कहा जाता है। उन्होंने शुक्रवार को 1176वीं बार ब्लड डोनेट किया। इसी के साथ उन्हें रिटायरमेंट दे दिया गया। क्योंकि इस उम्र में खून बनने की रफ्तार काफी कम हो गई थी। इस पर उन्होंने कहा कि यह बुरा दिन है। मैं आगे भी ब्लड डोनेशन जारी रखना चाहता हूं।

दरअसल जेम्स के ब्लड में रोगों से लड़ने वाली दुर्लभ एंटीबॉडी हैं। इसका इस्तेमाल एंटी-डी इंजेक्शन बनाने के लिए किया जाता है, जो रीसस डी हीमोलिटिक डीसीज (एचडीएन) बीमारी से लड़ने में मदद करता है। इस बीमारी में गर्भवती का ब्लड गर्भ में पल रहे शिशु की रक्त कोशिका पर हमला करता है, इससे बच्चे को ब्रैम डैमेज, एनीमिया जैसी घातक बीमारी का खतरा पैदा हो जाता है और महिला के गर्भपात की आशंका बढ़ जाती है।

james harrison

ऑस्ट्रेलिया में 1960 के दशक में एंटी डी की खोज से पहले एचडीएन से सालाना हजारों बच्चे मारे जाते थे। जेम्स कहते हैं कि 14 साल की उम्र में ब्लड डोनेशन से उनकी जान बची।

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तभी से ब्लड डोनेशन शुरू किया। इस बीच डॉक्टरों ने पाया कि मेरे ब्लड में दुर्लभ एंटीबॉडी है, जिससे एंटी-डी इजेक्शन बन सकते हैं। रेड क्रॉस ब्लड सर्विस के मुताबिक जेम्स के ब्लड से बने एंटी-डी ने 24 लाख बच्चों की जिंदगी बचाई है। ऑस्ट्रेलिया में जेम्स जैसे 160 डोनर हैं।

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