राजस्थान के 4 जिलों में मौत का बवंडर… 2 घंटे में 27 लोगों की मौत

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जयपुर: राजस्थान के चार जिलों में बवंडर ने बुधवार को जमकर तबाही मचाई। इस दौरान हादसों में अबतक कुल 27 लोगों की मौत हो गई। भरतपुर में 10, धौलपुर में 6, अलवर में 3 और झुंझुनूं में एक की मौत हुई। शाम करीब 6 बजे आए इस बवंडर की रफ्तार 100 किमी प्रति घंटे की रही। 100 से अधिक लोग घायल हुए।

सबसे ज्यादा 11 मौतें भरतपुर में हुई। धौलपुर में 6, अलवर में 4 और झुंझुनूं में एक व्यक्ति बवंडर से हुए हादसे का शिकार हुआ। धौलपुर के तीन गांवों में आग लगी। इससे कई कच्चे घर जल गए। इन जिलों में तबाही का यह मंजर शाम 6 से 7:30 बजे तक चला। बिजली देर रात तक सुचारू नहीं हो पाई। आंधी के दौरान विजिबिलिटी 500 मीटर से भी कम की रह गई। बवंडर का असर जयपुर, दौसा, सवाईमाधोपुर, श्रीगंगानगर तक भी दिखाई दिया। जयपुर में भी आंधी चली, लेकिन रफ्तार 18 किमी प्रतिघंटे तक की रही। बीकानेर में 38 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से धूल का बवंडर उठा।

अलवर-भरतपुर में हाईवे जाम, रेल यातायात भी प्रभावित
अलवर में कई जगह सड़कों और रेलवे ट्रैक पर पेड़ व पोल गिरने से घंटों तक यातायात व्यवस्था ठप रही। भिवाड़ी-सिकंदरा मेगा हाईवे पर बिजली के तार गिरने से हाईवे पर जाम लग गया। वाहनों की कतारें लग गईं। भरतपुर में इंडस्ट्रियल एरिया से उड़े टीन-टप्पर रेलवे ट्रेक पर गिरने से इंटरसिटी एक्सप्रेस को काफी देर तक रोकना पड़ा।

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बीकानेर में आंधी ने पारा 10 डिग्री और जयपुर में 8 डिग्री गिराया
बुधवार को बूंदी प्रदेश में सबसे ज्यादा गर्म रहा। यहां दिन का तापमान 47 डिग्री दर्ज किया गया। जयपुर में दिन का पारा 42.7 डिग्री रहा। शाम को आंधी के बाद यहां तापमान में 8 डिग्री सेल्सियस की कमी दर्ज की गई। बीकानेर जैसलमेर व कोटा का तापमान भी 45 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा रहा। बीकानेर में आंधी ने पारा 10 डिग्री तक गिरा दिया और 35 डिग्री पर ला दिया। पिलानी में 23.7 एमएम बारिश दर्ज की गई।

तत्काल राहत पहुंचाने के निर्देश
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अफसरों को अंधड़-बारिश प्रभावित इलाकों में आवश्यक सेवाएं तुरंत सुचारू करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही आला अफसरों व कलेक्टरों को कहा है कि जिन लोगों के जान-माल का नुकसान हुआ है उन्हें तत्काल राहत पहुंचाएं।

अशोक गहलोत नहीं मनाएं जन्मदिन
बवंडर के चलते राजस्थान में हुई 22 मौतों के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने ट्विटर हैंडल पर शोक जताते हुए कहा कि, वह अपने जन्मदिन नहीं मनाएंगे और पार्टी और परिवार द्वारा आयोजित किए गए किसी भी कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेगें।

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राजस्थान में बवंडर आने का कारण
-प्रदेश का ज्यादातर हिस्सा रेगिस्तान भूमध्य रेखा के इर्दगिर्द है। इस क्षेत्र में वायुमंडलीय दबाव बहुत अधिक होता है।
– यह दबाव ऊंचाई पर मौजूद ठंडी शुष्क हवा को जमीन तक लाता है। इस दौरान सूरज की सीधी किरणें इस हवा की नमी समाप्त कर देती हैं।
– नमी समाप्त होने से यह हवा बहुत गर्म हो जाती है। इस कारण बारिश नहीं हो पाती है और जमीन शुष्क और गर्म हो जाती है।
– जमीन गर्म होने के कारण नमी के अभाव में धूल के कणों की आपस में पकड़ नहीं रह पाती है। ऐसे में ये हवा के साथ बहुत आसानी से ऊपर उठना शुरू कर देते हैं।
– हवा की गति जितनी तेज होती है, बवंडर के साथ धूल के कण उतनी ही ऊंचाई के साथ ऊपर उठते हैं।

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