सरकार की विलेज लेवल एंटरप्रेन्‍योर्स (वीएलई) योजना देगी गाँव में रहकर 25 हजार कमाने का मौका

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नई दिल्‍ली। आजकल हमारे गाँव की सबसे बड़ी समस्या है कि युवा गाँव में रोजगार ना होने की वजह से पलायन करने को मजबूर हैं । इस पलायन का आलम है कि आपको बहुत से ऐसे गाँव मिल जायेंगे जहाँ पुरुषों के नाम पर बुजुर्ग और बच्चे ही रहते हैं । इस समस्या से मुक्ति पाने के लिए मोदी सरकार द्वारा विलेज लेवल एंटरप्रेन्‍योर्स (वीएलई) बनाए जा रहे हैं। इसके लिए ज्‍यादा इन्‍वेस्‍टमेंट की भी जरूरत नहीं है। कोई भी वीएलई बनकर कम से कम 25 हजार रुपए महीना कमा सकता हैं, जिसको अधिक मेहनत द्वारा बढ़ाया भी जा सकता हैं।

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विलेज लेवल एंटरप्रेन्‍योर्स ( वीएलई ) योजना – 
विलेज लेवल एंटरप्रेन्‍योर्स ( वीएलई ) को समझना बहुत आसान है । दरअसल, नेशनल ई-गवर्नेंस प्‍लान के तहत भारत सरकार सभी सरकारी सर्विस सस्‍ती दर पर आम लोगों तक पहुंचाना चाहती है और इसके लिए डिपार्टमेंट ऑफ इन्फॉर्मेशन एंड टेक्‍नोलॉजी द्वारा देश भर में कॉमन सर्विस सेंटर खोले जाने प्रसतावित हैं। यह कॉमन सर्विस सेंटर, जिन युवकों को दिया जाता है, उन्‍हें विलेज लेवल एंटरप्रेन्‍योर कहा जाता है।
एक सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर ) में सरकारी, प्राइवेट और सोशल सेक्‍टर जैसे टेलीकॉम, एग्रीकल्‍चर, हेल्‍थ, एजुकेशन, एंटरटेनमेंट, एफएमसीजी प्रोडक्‍ट, बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विस, सभी तरह के प्रमाणपत्र, आवेदन पत्र और यूटिलिटी बिल की पेमेंट की जा सकती है। सरकार इन सीएससी में मिलने वाले प्रोडक्‍ट्स की सेवाओं की संख्‍या बढ़ाती जा रही है। जैसे कि अब यहां बिमा उत्पाद भी बेचे या ख़रीदे जा सकते हैं।

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कितना इन्‍वेस्‍टमेंट चाहिए –
एक सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर ) खोलने के लिए कम से 100 से 150 वर्ग फुट जगह होनी चाहिए। इसके अलावा कम से एक कम्प्‍यूटर (यूपीएस के साथ), एक प्रिंटर, डिजिटल/वेब कैमरा, जेनसेट या इन्वर्टर या सोलर पैनल, ऑपरेटिंग सिस्‍टम और एप्‍लिकेशन सॉफ्टवेयर, ब्रॉडबैंड कनेक्‍शन होना चाहिए। इन सब पर कॉमन सर्विस सेंटर खोलने वाले युवा को  2 से 2.5 लाख रुपए का इन्वेस्‍टमेंट करना पड़ सकता है। यदि किसी के पास यह सब पहले से है तो उसका काम बहुत आसान हो जायेगा ।

वीएलई बनने के लिए क्‍या करना होगा –
वीएलई बनने के लिए आधार नंबर का होना जरूरी है। आधार नंबर के जरिए आप https://csc.gov.in वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। उसके आधार पर एक ओटीपी नंबर मिलेगा। इसके जरिए सीएससी के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता हैं। यदि कोई ऑफलाइन आवेदन करना चाहते हैं तो ग्राम पंचायत या नगर पंचायत स्‍तर पर एक कमेटी का गठन किया जा रहा है, जो प्रपोजल का अध्ययन करने के बाद सीएससी का लाइसेंस देगी।

ऐसे कर सकते हैं कमाई –
इन सीएससी के द्वारा पैनकार्ड, वोटर कार्ड, मतदाता सूची में नाम जुड़वाना, पहचान पत्र, पासपोर्ट बनाने की सुविधा दी जा सकती है। इसके अलावा मोबाइल रिचार्ज, मोबाइल बिल पेमेंट, डीटीएच रिचार्ज, इंस्टैंट मनी ट्रांसफर, डाटा कार्ड रिचार्ज, एलआईसी प्रीमियम, रेड बस, एसबीआई लाइफ, बिल क्‍लाउड जैसी निजी सेवाएं भी उपलब्ध होती हैं। यहां बैंकिंग, इन्श्‍योरेंस और पेंशन सर्विस भी दी जा सकती है।

सीएससी में प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम, डिजिटल लिटरेसी प्रोग्राम, वोकेशनल व स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग दी जा सकती है। किसानों को सीएससी के माध्‍यम से मौसम की जानकारी व मिट्टी की जांच जैसी सर्विस भी दी जाएगी। इतना ही नहीं टेलीमेडिसन सर्विस भी लोगों को उपलब्ध कराई जा सकती है। इन सभी सेवाओं और उत्पादों के लिए सरकार और एजेंसी द्वारा कमीशन दिया जाता हैं ।

कितनी हो रही है कमाई –
समय – समय पर सरकार द्वारा कराए गए अलग अलग सर्वे के अनुसार, विलेज लेवल एंटरप्रेन्‍योर की इस कमीशन से कमाई अलग अलग है। बहुत सारे वीएलई 25 हजार रुपए महीना तक कमा रहे हैं। सरकार का दावा है कि साल 2016-17 में सरकार ने इन वीएलई को कुल 112 करोड़ रुपए का कमीशन दिया, जो सर्विसेज बढ़ने के साथ और बढ़ रहा है। वीएलई प्राइवेट प्रोडक्‍ट्स को बढ़ा कर भी अपनी कमाई को बढ़ा रहे हैं।

गांवों को विकास केंद्र बना रहे हैं वीएलई –
टेलिकॉम मिनिस्ट्री द्वारा करवाए गए एक रिसर्च के अनुसार, अब सीएससी के माध्यम से ग्रामीण इलाकों में इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की पहुंच हो रही है और इंटरनेट से जुड़ी सर्विस गांवों में भी पहुंच रही हैं। इन सेवाओं की वजह से अब गाँव विकास का केंद्र बन रहे है जिस से वहां के लोगो को रोजगार और सुविधा मिल रही हैं ।

इन केन्द्रों पर आईडी कार्ड एवं वेडिंग कार्ड की प्रिंटिंग, लेमिनेशन, डिजाइनिंग, डॉक्‍युमेंट आदि की स्‍कैनिंग व प्रिंटिंग होती है। ग्रामीण विद्यार्थियों को कम्प्‍यूटर सिखाया जाता है और वह आसपास के गांवों के युवाओं के जॉब फॉर्म भी उपलब्ध करवा देते हैं, जिन्‍हें अलग-अलग वेबसाइट से डाउनलोड किया जाता है।

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