महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन अयंगर की लिखी हुई किताबें और थ्योरम से यूं तो पूरी दुनिया वाकिफ हैं मगर इससे अलग थी उनकी जिंदगी। देखिए महान गणितज्ञ रामनुजन के जीवन से जुड़ी वो रहस्यमयी बातें जो उनकी किताबों और थ्योरम में भी नहीं दिखे श्रीनिवासन रामानुजन का जन्म 22 दिसंबर 1887 को हुआ था।
- श्रीनिवासन ने गणित सीखने के लिए कभी कोई विशेष प्रशिक्षण नहीं लिया था।
- महज 12 साल की उम्र में उन्होंने ट्रिगनोमेट्री में महारत हासिल कर ली थी और खुद की बनाई थ्योरम स्थापित कर दी थी।
- 17 साल की उम्र में जटिल रिसर्च पूरी की, जिसमें बरनौली नंबर भी शामिल थे।
- गणितीय विश्लेषण और थ्योरी नंबर में उनका विशेष योगदान रहा है।
- उन्होंने कभी अपने गणितीय निष्कर्ष के लिए कोई प्रमाण नहीं दिया लेकिन दूसरों के निष्कर्ष को मान्यता जरूर दी।
- श्री निवासन अपने गणित में इतना खोए रहते थे कि साल 2012 में आज के दिन को राष्ट्रीय गणित वर्ष की घोषणा कर दी।