भारत के 11वें राष्ट्रपति और महान वैज्ञानिक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (APJ Abdul Kalam) की जयंती आज यानी हर साल 15 अक्तूबर को मनाई जाती है। डॉ. कलाम का पूरा जीवन ही आदर्श और प्रेरणा स्त्रोत है। कलाम साहब को मिसाइल मैन के नाम से जाना जाता है।
राष्ट्रपति का कार्यकाल समाप्त होने के बाद कलाम शिक्षण के क्षेत्र में आ गए थे। वह भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग, भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद और भारतीय प्रबंधन संस्थान इंदौर में विजिटिंग प्रोफेसर बन गए थे। इसके अलावा, वह भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरु के मानद फेलो बन गए थे।
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वह भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान तिरुवनंतपुरम के चांसलर और अन्ना विश्वविद्यालय में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के प्रोफेसर बने। उन्होंने हैदराबाद के अंतरराष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान में सूचना प्रौद्योगिकी और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और अन्ना विश्वविद्यालय में प्रौद्योगिकी पढ़ाई. इसके अलावा वह देशभर में कई अन्य शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों से सहायक के रूप में जुड़े रहे।
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1999 में उनकी आत्मकथा विंग्स ऑफ फायर प्रकाशित हुई थी, जिसे कलाम और अरुण तिवारी ने लिखा था। इसके अलावा उनकी प्रमुख किताबों में ‘इंडिया 2020’, ‘इग्नाइटेड माइंड्स’, ‘इंडॉमिटेबल’, ‘ट्रांसेडेंस: माय स्प्रिचुअल एक्सपीरिएंसेज विद प्रमुख स्वामी जी’ 27 जुलाई 2015 को 83 वर्ष की उम्र में कार्डियक अरेस्ट से उनका निधन हो गया था। 30 जुलाई 2015 को पूर्व राष्ट्रपति को पूरे राजकीय सम्मान के साथ रामेश्वरम के पेई करुम्बु मैदान में अंतिम संस्कार किया गया था।
जयंती के मौके पर पढ़ें डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के अनमोल विचार..
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