रिसर्च में खुलासा: भारत की ये प्राचीनतम धातु मार सकती है कोरोनावायरस को!

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कोरोनावायरस ने मंगलवार तक 162 देशों को चपेट में ले लिया है। अब तक कुल 1 लाख 82 हजार 547 मामले सामने आ चुके हैं। दुनिया में 7 हजार 174 लोगों की मौत हो गई। राहत की बात ये है कि इसी दौरान 79 हजार 881 संक्रमित स्वस्थ भी हुए। कोरोना वायरस फैलने के बाद से ही वैज्ञानिक इस वायरस की खोज में लग गए हैं कि आखिर इस वायरस के कहर से लोगों को कैसे बचाया जाए। इस बीच वैज्ञानिक उन धातुओं पर भी परीक्षण कर रहे हैं जिनपर कोरोना या कोरोना जैसे वायरस जीवत या निर्जीव होते हैं।

जैसा कि हम सबको मालूम है कि कोरोना वायरस निर्जीव वस्तुओं पर भी 9 दिन तक जिंदा रह सकता है। ऐसे में किस वस्तु को छुएं या नहीं, यह जान पाना बेहद मुश्किल है। लेकिन दावा किया जा रहा है कि तांबे की वस्तुओं को आप छू सकते हैं क्योंकि तांबे की धातु से बने बर्तनों और सामानों में कोरोना वायरस मर जाता है। अब वैज्ञानिक प्रयास कर रहे हैं कि ज्यादातर वस्तुओं की सतह ऐसी धातु से बनाया जाए जिससे उसपर बैक्टीरिया वायरस का असर कम हो या न हो. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि तांबा यानी कॉपर इकलौता धातु है जो किसी भी बैक्टीरिया को संपर्क में आते ही मिनटो में मार देता है। (रिपोर्ट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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2015 में यूनिवर्सिटी ऑफ साउथहैम्पटन ने एक शोध कर कहा था कि तांबा रेस्पिरेटरी वायरस (फेफड़ों को संक्रमित करने वाले वायरस) से बचा सकता है। रेस्पिटेरी वायरस जैसे – सार्स (सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम) और मर्स (मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम)। यूनिवर्सिटी ऑफ साउथहैम्पटन के शोधकर्ताओं ने पता लगाया कि जीव-जंतुओं से इंसानों में आने वाले कोरोना वायरस 229E को भी तांबा मार सकता है। यह वायरस बाकी वस्तुओं की सतह पर कई दिनों तक जी सकता है लेकिन तांबे की सतह पर यह तुरंत मर जाता है।

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हालांकि अभी यह जानकारी सामने नहीं आई है कि कोरोना वायरस कोविड 19 तांबे की सतह पर आने के बाद मरेगा या नहीं। लेकिन इस पर भी वैज्ञानिक शोध कर रहे हैं। अमेरिकन सोसाइटी ऑफ माइक्रोबायलॉजी में प्रकाशित एक लेख के अनुसार यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड की शोधकर्ता रीटा आर. कॉरवेल ने कोरोना वायरस (कोविड-19 नहीं) का विभिन्न सतहों पर अध्ययन किया है। इन्होंने अपने अध्ययन में पाया कि पुराने कोरोना वायरस तांबे की सतह पर आते ही मर जाते हैं या फिर निष्क्रिय हो जाते हैं।

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रीटा आर. कॉरवेल ने बताया कि तांबे की सतह के संपर्क में आते ही पुराने कोरोना वायरस का जीनोम नष्ट हो जाता है। इसके अलावा वायरस के बाहरी हिस्से में निकले कांटे जैसे ढांचे टूटने लगते हैं। उसकी बाहरी लेयर नष्ट हो जाती है। अब देखना ये है कि क्या कोविड-19 कोरोना वायरस को तांबा मार सकता है? आपको बता दें, तांबे के गुणों से भारतीय बहुत पहले से परिचित हैं। पहले तो तांबे के बर्तनों का उपयोग होता ही था। अब भी कुछ लोग इसका उपयोग करते हैं। वहीं आयुर्वेद में भी यह बात प्रमाणित है कि तांबे में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं। साथ ही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।

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