दुनिया का सबसे पुराना लोकतांत्रिक देश अमेरिका (US Election )आज अपने 47वें राष्ट्रपति को चुनने के लिए वोट करेगा। राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रम्प और डेमोक्रेटिक पार्टी की कमला हैरिस के बीच सीधा मुकाबला है। अमेरिकी समय के मुताबिक 5 नवंबर शाम 7 बजे तक (भारतीय समयानुसार 6 नवंबर सुबह 4:30 बजे) वोटिंग पूरी हो जाएगी। इसके बाद वोटों की गिनती शुरू होगी। आमतौर पर वोटिंग के 1 दिन बाद नतीजे आ जाते हैं।
अमेरिका के 50 राज्यों और राजधानी वॉशिंगटन डीसी में कुल 538 इलेक्टोरेल वोट्स यानी सीटें हैं। अकेले स्विंग स्टेट में ही 93 सीटें हैं, जबकि चुनाव जीतने के लिए ट्रम्प या कमला को 270 सीटें जीतना जरूरी है। ऐसे में स्विंग स्टेट ही अमेरिका का राष्ट्रपति तय करते हैं।
क्या हैं स्विंग स्टेट्स
अमेरिका के ज्यादातर राज्य डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टी के बीच बंटे हुए हैं। जो राज्य डेमोक्रेटिक पार्टी का समर्थन करते हैं वे ब्लू वहीं, जो राज्य रिपब्लिकन पार्टी का समर्थन करते हैं वो रेड स्टेट कहे जाते हैं। वहीं कुछ ऐसे भी राज्य हैं जो दोनों ही पार्टियों को समर्थन करते हैं।
इन राज्यों के वोटर्स किसी भी पार्टी की तरफ स्विंग कर सकते हैं, यानी पलट सकते हैं। इसलिए दोनों ही पार्टियों ने इन राज्यों को जीतने पर पूरा ध्यान लगा दिया है। इस चुनाव में कुल 7 स्विंग स्टेट्स हैं। दोनों ही पार्टियों का सबसे ज्यादा जोर इन्हीं राज्यों पर है।
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डोनाल्ड और कमला को बहुमत नहीं मिला तो क्या होगा?
अमेरिकी चुनाव में यदि कोई भी उम्मीदवार आवश्यक 270 इलेक्टोरल वोट नहीं पाता है तो राष्ट्रपति के लिए चुनाव प्रतिनिधि सभा में तय किया जाता है। इसमें प्रत्येक राज्य प्रतिनिधिमंडल के पास एक वोट होता है और जीतने के लिए 26 राज्यों के बहुमत की आवश्यकता होती है। दूसरी और सीनेटर उपराष्ट्रपति का चुनाव करते हैं, जिसमें प्रत्येक सीनेटर के पास एक वोट होगा और जीतने के लिए 51 सीनेटरों के बहुमत की आवश्यकता होती है।
अमेरिका चुनाव में विज्ञापनों पर खर्चा
डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन दोनों ही ने ही विज्ञापन के लिए भारी भरकम बजट तय किया है। Assembly Global की इनसाइड रिपोर्ट की मानें तो इस बार दोनों पार्टियों की ओर से विज्ञापन पर 3.1 अरब डॉलर (253 अरब रुपये) पर खर्च हो चुके हैं।
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अमेरिका में क्यों खास होता है मंगलवार का दिन
अमेरिका में हर चार साल बाद चुनाव होते हैं। इसके वोटिंग का दिन और महीना तय है। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए नवंबर के महीने में सोमवार के बाद वाले मंगलवार को वोटिंग होती है। अगर पहला मंगलवार 1 नवंबर को आ जाए तो उस मंगलवार को वोटिंग नहीं होगी, क्योंकि 1 नवंबर को ईसाई ‘ऑल सेंट्स डे’ मनाते हैं। इसलिए सोमवार के बाद वाले मंगलवार को ही वोटिंग होगी। इन दिन को इलेक्शन डे यानी इलेक्शन का दिन कहा जाता है। अमेरिका में इस बार 5 नवंबर को वोटिंग हो रही है, जबकि 6 नवंबर को चुनाव परिणाम आएंगे।
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भारत की भूमिका कितनी खास है अमेरिकी चुनाव में
अमेरिकी चुनाव में भारतीयों की भूमिका हमेशा से अहम रही है। इस चुनाव में ट्रंप और कमला हैरिस दोनों ही भारतीय वोटरों को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं। ट्रंप ने तो बांग्लादेश में हो रहे हिंदुओं पर हमले का जिक्र किया तो कमला भारतवंशी मां की बेटी होने की याद दिलाना नहीं भूलती हैं। अमेरिकी चुनाव 2024 में भारतीय-अमेरिकी समुदाय का झुकाव काफी हद तक डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर दिख रहा है। सर्वे के मुताबिक, 61% भारतीय-अमेरिकी मतदाता कमला हैरिस का समर्थन कर रहे हैं, जबकि 32% डोनाल्ड ट्रंप के पक्ष में हैं। वहीं अगर महिलाओं की बात करें तो 67% भारतीय-अमेरिकी महिलाएं कमला हैरिस का समर्थन कर रही हैं।
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