श्रीलंका (Srilanka News) को आर्थिक संकट में छोड़कर राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे देश छोड़कर मालदीव भाग गए हैं। राजपक्षे के देश छोड़ने से लोगों का गुस्सा और भड़क गया है और प्रदर्शन तेज हो गया है। लोगों के उग्र विरोध प्रदर्शन को देखते हुए प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने आपातकाल का ऐलान किया है।
इस बीच हजारों की तादाद में लोग संसद भवन की तरफ मार्च कर रह रहे हैं। कई जगहों पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों में हिंसक झड़प हुई। इस वजह से पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा है। वहीं, दो गुट भी आपस में भिड़ गए, जिससे 12 लोग घायल हो गए।
जानिए श्रीलंका संकट में अब तक क्या-क्या हुआ?
- 15 मार्च 2022 : प्रदर्शनकारियों ने राजपक्षे परिवार के खिलाफ विद्रोह शुरू कर दिया। श्रीलंका सरकार ने आनन-फानन में खाद्य वस्तुओं पर इमरजेंसी लगा दी।
- 2 अप्रैल 2022 : राष्ट्रपति आवास के बाहर हिंसक प्रदर्शन की वजह से श्रीलंका में आपातकाल लगाया गया। हालांकि 5 दिन में ही यह वापस ले लिया गया।
- 4 अप्रैल 2022 : श्रीलंका में प्रदर्शन को देखते हुए 26 मंत्रियों ने एक साथ इस्तीफा दे दिया। इनमें महिंदा राजपक्षे के बेटे नमल भी शामिल थे।
- 6 मई 2022 : श्रीलंका में विरोध प्रदर्शन उग्र हो गया। जगह-जगह पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई, जिसके बाद दोबारा आपातकाल लगाया गया।
- 9 मई 2022 : भारी विरोध प्रदर्शन के बाद महिंदा राजपक्षे ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। रानिल विक्रमसिंघे नए प्रधानमंत्री बनाए गए।
- 5 जुलाई 2022 : प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने श्रीलंका के दिवालिया होने की घोषणा की, जिसके बाद प्रदर्शनकारी फिर उग्र हो गए।
- 9 जुलाई 2022 : प्रदर्शनकारियों ने कोलंबो के गल्सा हिल्स (राष्ट्रपति भवन) पर कब्जा कर लिया। राष्ट्रपति गोटबाया भाग खड़े हुए।
राष्ट्रपति को गिरफ्तारी से है छूट
दरअसल, श्रीलंका में पदस्थ राष्ट्रपति को गिरफ्तारी से छूट प्राप्त है। ऐसे में माना जा रहा है कि गोतबाया राजपक्षे इस्तीफा देने से पहले विदेश भागना चाहते थे। उन्हें डर था कि इस्तीफा देते ही गोतबाया को गिरफ्तार किया जा सकता है। बता दें, गोतबाया को आज अपना इस्तीफा देना था।
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अब तक नहीं दिया इस्तीफा
राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे को आज इस्तीफा देना था। हालांकि, पहले ही वह मालदीव भाग गए हैं। ऐसे में में उनके इस्तीफे को लेकर संशय बरकरार है। उधर, श्रीलंका की संसद की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि उन्हें अब तक राष्ट्रपति का इस्तीफा नहीं मिला है। उम्मीद है कि वह आज ही अपना इस्तीफा सौंप देंगे।
सवालों के घेरे में राजपक्षे-
गोटबाया राजपक्षे ने इस्तीफा देने से पहले शर्त रखी थी कि उन्हें देश से बाहर जाने दिया जाए। इसके कुछ घंटे बाद ही उनके देश छोड़ने की खबरें सामने आई। ऐसे में अब सवाल उठता है कि गोटबाया भागे या भगाए गए। राजपक्षे ने 12 जुलाई को अपने इस्तीफे पर हस्ताक्षर कर सीनियर अधिकारी को सौंप दिया था। यह लेटर 13 जुलाई को संसद स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने को सौंपा जाना था।
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अमेरिका ने नहीं दी शरण-
गोटबाया राजपक्षे श्रीलंका छोड़कर अमेरिका भागना चाहते थे, लेकिन अमेरिका ने उन्हें वीजा नहीं दिया। राजपक्षे के पास श्रीलंका और अमेरिका की दोहरी नागरिकता थी, लेकिन 2019 में राष्ट्रपति चुनाव से पहले उन्होंने अपनी अमेरिका की नागरिकता छोड़ दी थी। दरअसल, श्रीलंका के संविधान में सिंगल सिटीजनशिप का प्रवाधान है। ऐसे में उन्हें राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए सिर्फ श्रीलंका का नागरिक होना जरूरी था।
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