Narendra Modi US Visit: पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात: किन अहम मुद्दों पर बनी सहमति?

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में वाशिंगटन डी.सी. में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की। इस बैठक में दोनों नेताओं ने व्यापार, रक्षा, ऊर्जा, और आप्रवासन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। PM नरेंद्र मोदी का अमेरिका दौरा खत्म कर दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं।

PM मोदी शुक्रवार देर रात 3 बजे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मिलने व्हाइट हाउस पहुंचे। दोनों नेता करीब ढाई घंटे तक साथ रहे। इस दौरान दोनों के बीच द्विपक्षीय बातचीत हुई। ट्रम्प-मोदी ने 2 बार मीडिया से बात की। ट्रम्प ने टैरिफ मामले पर मोदी की तारीफ करते हुए उन्हें एक टफ नेगोशिएटर (मोलभाव करने वाला) बताया। उन्होंने कहा कि PM मोदी उनके अच्छे दोस्त हैं और वे अच्छा काम कर रहे हैं। वो मुझसे भी बेहतर नेगोशिएटर हैं।

इस मुलाकात से पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ने PM मोदी से मुलाकात के 2 घंटे पहले भारत समेत सभी देशों पर जैसे को तैसा टैरिफ (रेसिप्रोकल टैरिफ) लगाने का ऐलान किया। रेसिप्रोकल टैरिफ यानी जो देश अमेरिकी सामान पर जितना टैरिफ लगाएगा, अमेरिका भी उस देश के सामान पर उतना ही टैरिफ लगाएगा।

वहीं, PM मोदी ने दूसरी बार अमेरिका का राष्ट्रपति चुने जाने पर ट्रम्प को बधाई दी। मोदी ने कहा कि यह खुशी की बात है कि मुझे ट्रम्प के साथ दोबारा काम करने का अवसर मिला है। मेरे और ट्रम्प के मिलने का मतलब एक और एक ग्यारह है।

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अडानी मुद्दे पर क्या बोले पीएम मोदी
मीडिया ने PM मोदी से पूछा कि क्या राष्ट्रपति ट्रम्प के साथ मीटिंग में गौतम अडाणी के केस पर कोई चर्चा हुई। इस पर उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्तिगत मामलों के लिए दो देश के मुखिया न तो मिलते हैं, न बैठते हैं और न बात करते हैं।

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क्या है मामला- अडाणी की कंपनी पर आरोप है कि उसने भारत में सोलर रिन्यूएबल एनर्जी के प्रोजेक्ट गलत तरीके से हासिल किए। इसके लिए सरकारी अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर यानी करीब 2,029 करोड़ रुपए रिश्वत देने की योजना बनाई। इसके अलावा अमेरिकी इन्वेस्टर्स और बैंकों से झूठ बोलकर पैसा इकट्ठा किया।

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रूस-यूक्रेन जंग पर क्या बोले पीएम मोदी
दुनिया का नजरिया है कि भारत न्यूट्रल है, लेकिन भारत न्यूट्रल नहीं है, भारत का अपना पक्ष है शांति। समस्याओं का समाधान जंग से नहीं निकलता। वह टेबल पर चर्चा करके ही निकलता है। राष्ट्रपति ट्रम्प ने शांति का जो इनीशिएटिव लिया है, मैं उसका पूरी तरह से समर्थन करता हूं।

अमेरिका-भारत के बीच हुए अहम फैसले

व्यापारिक संबंधों में सुधार: राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत के उच्च आयात शुल्कों पर चिंता व्यक्त की, विशेष रूप से अमेरिकी कारों पर लगाए गए टैरिफ को लेकर। उन्होंने भारत को “टैरिफ किंग” कहते हुए इसे अनुचित बताया। दोनों नेताओं ने व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने और एक प्रमुख व्यापार समझौते की दिशा में काम करने पर सहमति जताई, जिसका लक्ष्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को $500 बिलियन तक पहुंचाना है।

रक्षा सहयोग:रक्षा क्षेत्र में, अमेरिका ने भारत को अत्याधुनिक हथियारों की बिक्री बढ़ाने की योजना बनाई है, जिसमें F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट्स की संभावित बिक्री भी शामिल है। दोनों देशों ने दस वर्षीय रक्षा सहयोग योजना पर चर्चा की, जिससे भारत की सैन्य क्षमताओं में वृद्धि होगी।

अप्रवासन और प्रत्यर्पण:प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत उन भारतीय नागरिकों को वापस लेने के लिए तैयार है जो अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे हैं, बशर्ते उनकी भारतीय नागरिकता सत्यापित हो। उन्होंने मानव तस्करी के खिलाफ मिलकर काम करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रपति ट्रंप ने 2008 के मुंबई हमलों के एक आरोपी के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी देने की घोषणा की।

ऊर्जा सहयोग: ऊर्जा के क्षेत्र में, अमेरिका ने भारत को तेल और गैस की आपूर्ति बढ़ाने की पेशकश की, जिससे भारत की ऊर्जा सुरक्षा में सुधार होगा। दोनों देशों ने ऊर्जा सहयोग को और गहरा करने पर सहमति व्यक्त की।

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