वाशिंगटन डी.सी.: अमेरिका में इन दिनों सरकार की ओर से की जा रही बड़े पैमाने पर छंटनी (Massive Federal Layoffs) चर्चा का विषय बनी हुई है। फेडरल वर्कफोर्स यानी सरकारी कर्मचारियों की संख्या कम करने की कोशिशें तेज कर दी हैं। अमेरिका में 9,500 से अधिक सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से निकाले जाने की खबर है।
हाल ही में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उद्योगपति एलन मस्क के नेतृत्व में सरकार के पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू की गई है, जिसके तहत हजारों संघीय कर्मचारियों को उनकी नौकरियों से हटा दिया गया है। इस फैसले का मकसद सरकारी खर्च को कम करना और सरकारी कामकाज को ज्यादा प्रभावी बनाना बताया जा रहा है। लेकिन, इस छंटनी से लाखों परिवार प्रभावित हो सकते हैं और देशभर में इसका विरोध भी शुरू हो गया है।
व्हाइट हाउस और ऑफिस ऑफ पर्सनल मैनेजमेंट (OPM) की ओर से छंटनी का शिकार होने वाले कर्मचारियों की संख्या नहीं बताई गई है, लेकिन रॉयटर्स का दावा है कि ट्रंप प्रशासन कई विभागों में 9,500 से ज़्यादा कर्मचारियों को हटाने की योजना बना रहा है। ये कर्मचारी अलग-अलग तरह के काम करते है, जैसे कि सरकारी जमीनों और भूतपूर्व सैनिकों की देखभाल करना।
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कौन से विभागों में हुई छंटनी? सरकार ने छंटनी के तहत कुछ खास विभागों पर ज्यादा ध्यान दिया है। इनमें शामिल हैं:
- ऊर्जा विभाग
- स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग
- कृषि विभाग
- पर्यावरण संरक्षण एजेंसी
- आंतरिक सुरक्षा विभाग
रिपोर्ट्स के अनुसार, अब तक 50,000 से ज्यादा संघीय कर्मचारी अपनी नौकरियां खो चुके हैं और आने वाले महीनों में यह संख्या बढ़ सकती है। इसके अलावा, सरकार ने एक “स्वैच्छिक बायआउट प्रोग्राम” भी शुरू किया है, जिसमें अब तक 77,000 कर्मचारियों ने खुद ही इस्तीफा दे दिया है।
क्यों हो रही है छंटनी?
सरकार का कहना है कि अत्यधिक खर्च और कम उत्पादकता की वजह से यह फैसला लिया गया है। राष्ट्रपति ट्रंप पहले भी सरकारी विभागों में कर्मचारियों की संख्या कम करने की बात कह चुके हैं। उनका मानना है कि सरकारी नौकरियों की संख्या ज्यादा हो गई है और इससे खर्च भी बहुत बढ़ गया है। सरकार के इस फैसले को कुछ लोग सही मान रहे हैं, लेकिन इससे हजारों कर्मचारियों के भविष्य पर संकट खड़ा हो गया है।
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छंटनी के खिलाफ विरोध और कानूनी लड़ाई
इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारियों को हटाए जाने से कई यूनियन और संगठन नाराज हैं। फेडरल वर्कर्स एसोसिएशन और अमेरिकन सिविल सर्विस यूनियन ने सरकार के इस फैसले को अवैध बताया है और इसे कोर्ट में चुनौती दी है। इसके अलावा, वॉशिंगटन डी.सी., न्यूयॉर्क और कैलिफोर्निया जैसे कई बड़े शहरों में सरकारी कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन भी शुरू कर दिए हैं। कर्मचारियों का कहना है कि इस फैसले से लाखों परिवारों की आजीविका पर खतरा मंडरा रहा है और सरकार को इसे तुरंत रोकना चाहिए।
इसका असर आम जनता पर भी पड़ेगा
विशेषज्ञों का मानना है कि इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारियों को हटाने से सरकारी सेवाओं पर भी असर पड़ेगा।
- स्वास्थ्य सेवाएं धीमी हो सकती हैं
- कृषि योजनाओं पर असर पड़ सकता है
- पर्यावरण सुरक्षा से जुड़ी परियोजनाएं प्रभावित हो सकती हैं
कई आर्थिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर यह छंटनी जारी रही, तो इससे अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है।
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आगे क्या होगा?
फिलहाल, संघीय कर्मचारियों की छंटनी का यह मुद्दा अमेरिका में सबसे बड़ा ट्रेंडिंग टॉपिक बन गया है। यूनियन और कर्मचारी इसे रोकने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि सरकार इसे जारी रखने के पक्ष में है। आने वाले दिनों में यह साफ होगा कि क्या सरकार अपने इस फैसले को वापस लेगी या फिर यह छंटनी जारी रहेगी। लेकिन फिलहाल, हजारों कर्मचारियों के सामने रोजगार और भविष्य को लेकर बड़ा संकट खड़ा हो गया है।
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