इस देश में रहस्यमय बीमारी पसार रही है अपने पैर, जानें इसके बारें सबकुछ

ब्रिटेन, फ्रांस, स्विटजरलैंड और इटली में भी इस रहस्यमय बीमारी के करीब 50 मामले आ चुके हैं। डब्ल्यूएचओ की वैज्ञानिक डॉ. मारिया वैन केरखोवे ने इसकी पुष्टि की है।

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सोशल मीडिया से: सोशल मीडिया पर अमेरिका के न्यूयॉर्क में फैली रहस्यमय बीमारी का खूब जिक्र किया जा रहा है। वहां के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दी जा रही जानकारियों की कई वीडियो सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में देखी और शेयर की जा रही है। कोरोना जैसी अदृश्य महामारी का पूरी दुनिया जहां जमकर मुकाबला कर रही है वहीं अब खबर है कि  अमेरिका के न्यूयार्क में रहस्यमय बीमारी से तीन बच्चों की मौत हो गई है।

यहां इस बीमारी के 73 मामले आए हैं। 7 राज्यों में अब तक 100 ऐसे मामले आ चुके हैं। इस बीमारी वाले बच्चों की उम्र 2 से 15 साल है। गवर्नर एंड्रयू क्यूमो ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि रहस्यमय बीमारी वाले ज्यादातर बच्चों में सांस संबंधी लक्षण नहीं दिखे हैं। जिन बच्चों की मौत हुई है, उनमें भी नहीं दिखाई दिए।

दुनिया के बाकी देशों से भी आए मामले सामने-
यूरोपीय देशों में ब्रिटेन, फ्रांस, स्विटजरलैंड और इटली में भी इस रहस्यमय बीमारी के करीब 50 मामले आ चुके हैं। डब्ल्यूएचओ की वैज्ञानिक डॉ. मारिया वैन केरखोवे ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि यूरोपीय देशों में इस बीमारी के लक्षण बचपन में होने वाली बीमारी कावासाकी के लक्षणों जैसी है। जैसे हाथ-पैर में सूजन, शरीर में धब्बे आदि। ऐसे ही लक्षण अमेरिकी में भी देखे गए हैं।

बीमारी का कारण जानने के लिए न्यूयॉर्क जीनोम सेंटर और रॉकफेलर यूनिवर्सिटी मिलकर रिसर्च कर रहे हैं। अब तक माता-पिता, हेल्थ एक्सपर्ट यह सोचकर राहत महसूस कर रहे थे कि कोरोना से बच्चों की मौतें ज्यादा नहीं हुई हैं। अब उन्हें ज्यादा सतर्क रहना होगा। स्वास्थ्य विभाग जांच कर रहा है कि इन बच्चों की मौत रहस्यमय बीमारी से तो नहीं हुई।

क्या हैं इस रहस्यमयी बीमारी के लक्षण-
डॉक्टरों के मुताबिक इस रहस्यमय बीमारी में त्वचा और धमनियां सूज जाती हैं। आंखों में जलन होती है। शरीर पर धब्बे बनते हैं। त्वचा का रंग बदलने लगता है। लंबे समय तक बुखार, पेट-सीने में गंभीर दर्द होता है। लो ब्लड प्रेशर की परेशानी होती है।

कैसे किया जा रहा बीमार बच्चों का इलाज-
कई इग्लिश वेबसाइट्स पर छपी खबरों के मुताबिक, डॉक्टर फिलहाल मरीजों को स्टेरॉयड, इंट्रावेनस इम्युनोग्लोबुलिन और एस्पिरिन दवाएं दे रहे हैं। एंटीबायोटिक्स भी दी जा रही हैं। कुछ मरीजों को सपोर्टिव ऑक्सीजन देने की जरूरत पड़ रही है। ज्यादा गंभीर मरीजों को वेंटिलेटर पर रख रहे हैं।

 

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