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कनाडा-भारत विवाद: ट्रूडो की नई चाल, बुरे फंसे अमित शाह, जानें कैसे निपटेगी अब मोदी सरकार

कनाडा के अंदर लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। यही वजह है कि दोबारा सत्ता में आने के लिए ट्रूडो कई पैंतरे आजमा रहे हैं। भारत पर झूठे आरोप लगाने से लेकर दोनों देशों के रिश्ते खराब करने में ट्रूडो ने मुख्य भूमिका निभाई है।

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कनाडा और भारत के बीच बढ़ती राजनीतिक दूरियां कम होने का नाम नहीं ले रही ऐसे में अब कनाडा सरकार ने एक ओर आरोप भारत पर लगा दिया है। इसबार आरोप गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) पर सीधा-सीधा लगा है। कनाडा सरकार ने आरोप लगाया है कि उनके देश में सिख अलगाववादियों को निशाना बनाने की साजिश के पीछे गृह मंत्री अमित शाह का हाथ है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कनाडा के विदेश उप-मंत्री डेविड मॉरिसन ने मंगलवार को एक संसदीय पैनल में यह दावा किया। मॉरिसन ने संसदीय पैनल में कहा कि उन्होंने अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट को बताया था कि इस मामले में भारत के गृह मंत्री शामिल हैं।

मॉरिसन ने कहा, “वॉशिंगटन पोस्ट के पत्रकार ने मुझे फोन किया और पूछा कि क्या यह (अमित शाह) वही शख्स हैं। मैंने कहा कि हां, यह वही हैं।” हालांकि इस दौरान मॉरिसन ने कोई और जानकारी या सबूत नहीं दिया। यह पहली बार है, जब कनाडाई अधिकारी ने खुलकर भारत सरकार के किसी मंत्री का नाम लिया है।

क्या लिखा वाशिंगटन पोस्ट ने?
अमेरिकी मीडिया हाउस वॉशिंगटन पोस्ट ने 14 अक्टूबर को कनाडाई अधिकारियों के हवाले से दावा किया था कि गृह मंत्री अमित शाह और भारतीय खुफिया एजेंसी RAW ने मिलकर कनाडा में खुफिया जानकारी इकट्ठा करने और खालिस्तानी आतंकियों पर हमले की इजाजत दी थी।

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भारतीय विदेश मंत्रालय और कनाडा स्थित भारतीय उच्चायोग ने इस मामले पर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की है। हालांकि, भारत सरकार कनाडा के ऐसे पिछले सभी आरोपों को निराधार बताते हुए इसमें किसी भी तरह से शामिल होने से इनकार कर चुकी है।

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किस बात का कनाडा-भारत में विवाद?
कनाडा और भारत के बीच हालिया विवाद की शुरुआत 13 अक्टूबर को हुई थी। कनाडा ने भारत को एक चिट्ठी भेजी थी। इसमें कहा गया था कि भारतीय हाई-कमिश्नर संजय कुमार वर्मा और दूसरे डिप्लोमैट्स एक मामले में संदिग्ध हैं। भारत ने अपने डिप्लोटमैट्स को संदिग्ध बताए जाने पर विरोध जताया और कनाडा के राजदूत को तलब किया।

कुछ ही घंटों बाद भारत ने संजय कुमार वर्मा और दूसरे डिप्लोमेट्स को वापस बुला लिया। इसके बाद कनाडा ने भी भारत से अपने 6 राजदूतों को वापस आने का आदेश दिया। अगले दिन कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत सरकार के एजेंट्स पर खुफिया जानकारी जुटाने, टारगेट किलिंग, कनाडा के नागरिकों को धमकाने और हिंसा में शामिल होने का आरोप लगाया था।

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क्या भारत पर आरोप लगाना ट्रूडो का है चुनावी पैतरा
अगले साल अक्टूबर 2025 में कनाडा के अंदर लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। यही वजह है कि दोबारा सत्ता में आने के लिए ट्रूडो कई पैंतरे आजमा रहे हैं। भारत पर झूठे आरोप लगाने से लेकर दोनों देशों के रिश्ते खराब करने में ट्रूडो ने मुख्य भूमिका निभाई है। कनाडा में मौजूद भारतीय NRIs और भारतीय मूल के सिख वोट बैंक को साधने के लिए जस्टिन ट्रूडो कई विवादित बयान दे चुके हैं। यही नहीं, कनाडा के लोग भी उनकी नीतियों से काफी खफा हैं।

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