बैंकॉक। धर्म चाहे कोई भी उसकी कट्टरता हमेशा बहुत घातक साबित होती है। इसका अंदाजा 18 वर्षीय इस युवती की इस कहानी से लगाया जा सकता है, जो दो दिन से सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। इस युवती की मदद के लिए सोशल मीडिया पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मुहिम छेड़ दी गई है। युवती ने फिलहाल स्वयं को बैंकॉक के एक होटल में कैद कर रखा है, ताकि उसे सऊदी अरब वापस नही भेजा जा सके। युवती के अनुसार सऊदी अरब वापस जाने पर उसकी हत्या कर दी जाएगी।
सऊदी अरब की रहने वाली इस 18 वर्षीय युवती का नाम है रहाफ मोहम्मद एम अल्कुनून। उसके पिता सऊदी अरब में ऊंचे सरकारी पद पर हैं, मतलब वह एक अमीर घराने से संबंध रखती है। युवती कुछ दिनों पहले अपने घर से भागकर बैंकॉक ( थाईलैंड ) आ गई। अब उसे बैंकॉक से उसके वतन सऊदी अरब वापस भेजने (डिपोर्ट) की तैयारी चल रही है। युवती के अनुसार अगर वह सऊदी अरब वापस लौटी तो वहां पर उसकी हत्या कर दी जाएगी। वहां उसकी जान को खतरा है। इसलिए वह वापस नहीं जाना चाहती। इसीलिए युवती ने खुद को एक होटल के कमरे में कैद कर लिया है।
दो साल पहले छोड़ चुकी है इस्लाम
रहाफ के अनुसार वह अपने परिवार के आतंक और बंदिशों से हद से ज्यादा परेशान हो चुकी है। वह नास्तिक है और करीब दो साल पहले उसने इस्लाम धर्म छोड़ दिया है। उसके पास परिवार की बंदिशों से बचने के लिए इसके अलावा और कोई रास्ता नहीं था। अब उसके कट्टर परिवार वाले उसकी हत्या करना चाहते हैं। इसलिए वह अपने घर वापस लौटना नहीं चाहती है। उसे बैंकॉक एयरपोर्ट पर पकड़ा गया है।
बाल कटवाने पर छह महीने कैद में रही
एयरपोर्ट पर पकड़े जाने के बाद रहाफ ने ट्वीट किया है ‘मैं अकेली रह सकती हूं। स्वतंत्र और उन सब लोगों से दूर जो मेरी गरिमा का और मेरे औरत होने का सम्मान नहीं करते। परिवार ने मेरे साथ हिंसक व्यवहार किया है। मेरे पास इसके पर्याप्त सबूत हैं।’ रहाफ के ट्वीट पर अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने भी संज्ञान लिया है। अंतरराष्ट्रीय मीडिया से बातचीत में रहाफ ने बताया कि वह नास्तिक है। उसने 16 साल की उम्र में इस्लाम छोड़ दिया था। ये बात उसके परिवार वालों को पता चली तो उसकी हत्या कर दी जाएगी। रहाफ के अनुसार ऐसे में उसके पास परिवार से भागने के अलावा कोई रास्ता नहीं था। रहाफ के अनुसार एक बार उसने अपने बाल कटवा लिए थे। इसके बाद उसके सख्त परिवार वालों ने उसे छह महीने तक घर में कैद करके रखा था। अब वह अपने परिवार से छुटकारा पाना चाहती है।
संयुक्त राष्ट्र से मांगी मदद
रहाफ ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए हैं और मदद की गुजारिश की है। साथ ही उसने ट्विटर के जरिए संयुक्त राष्ट्र से भी मदद की अपील की है। उसने संयुक्त राष्ट्र से शरण की अपील भी की है। युवती के अनुसार फोन के जरिए वह कई वकीलों, मीडिया संस्थानों और समाज सेवी संस्थाओं के संपर्क में है। हालांकि सोमवार सुबह तक उसे कहीं से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला है।
ऐसे परिवार की कैद से भागी थी रहाफ
रहाफ ने बताया कि वह एक फैमिली हॉलिडे के लिए कार से कुवैत तक आई थी। वहां से सुबह करीब चार बजे वह भाग निकली। उस वक्त उसका पूरा परिवार सो रहा था। रहाफ के अनुसार उसके पास यही अंतिम मौका था, परिवार की कैद से आजाद होने का। रहाफ के अनुसार उसने वहां से भागने के लिए ऑस्ट्रेलिया का टिकट लिया, क्योंकि वहां पर टूरिस्ट वीजा आसानी से मिल जाता है। रहाफ ऑस्ट्रेलिया पहुंचकर अपने लिए शरण की मांग करने वाली थीं। हालांकि, कुवैत एयरलाइन से बैंकॉक पहुंचने के बाद उसका पासपोर्ट जब्त कर लिया गया। उसके परिवार ने बिना उनकी अनुमति के रहाफ के यात्रा करने की रिपोर्ट दर्ज कराई है।
थाई प्रशासन के दावों को रहाफ ने बताया झूठा
थाईलैंड के मुख्य आव्रजन अधिकारी सुरचाटे हाकपार्न ने न्यूज एजेंसियों से बातचीत में कहा है कि रहाफ रविवार को कुवैत से बैंकॉक पहुंची थी। उसके पास वापसी टिकट समेत यात्रा के लिए अन्य जरूरी दस्तावेज और पैसे नहीं थे। लिहाजा उसे आगे की यात्रा करने से रोक दिया गया। उसे वापस भेजने के लिए हवाई अड्डे पर ही एक होटल में रखा गया है। वह शादी से बचने के लिए अपने परिवार से भाग आयी है। अब उसे सऊदी अरब वापस लौटने पर खतरा महसूस हो रहा है। मामले में थाई प्रशासन, सऊदी अरब दूतावास से बातचीत कर रहा है। वहीं रहाफ का कहना है कि आव्रजन अधिकारी झूठ बोल रहे हैं। वह ऑस्ट्रेलिया में शरण लेने जा रही थी, इसलिए उसे बैंकॉक एयरपोर्ट पर सऊदी और कुवैती दूतावासों के अधिकारियों ने रोक लिया।