कच्चे धागे का पक्का रिश्ता भाई बहन का प्यार का पर्व भाई दूज हर्षोल्लास से मनाया।

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शाहपुरा(महावीर मीणा) ढीकोला उप तहसील क्षेत्र, तस्वारिया बांसा, खामोर, राज्यास , डाबला, कनेछन कला , एवं शाहपुरा क्षेत्र में भाई बहन के रिश्ते का प्रतीक भाई दुज का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया।हिन्दू धर्म में भाई-बहन के स्नेह-प्रतीक के रूप में दो त्योहार मनाये जाते हैं। पहला रक्षाबंधन जो कि सावन मास की पूर्णिमा को होता है।दूसरा भाई दूज का त्योहार जो दीपावली के दो दिन बाद यानी मंगलवार को है द्वितीया तिथि को देश भर में भाई-दूज’ का त्योहार मनाया गया है। भाई-बहन के पारस्परिक प्रेम का प्रतीक है भाई-दूज। भाई और बहन के प्यार को सुदृढ़ करने का त्योहार है। इसमें बहनों ने भाई की लम्बी आयु की प्रार्थना की। भाई दूज का त्योहार कार्तिक मास की द्वितीया को मनाया जाता है। इस दिन बहनें भाइयों के स्वस्थ तथा दीर्घायु होने की मंगल कामना करके तिलक लगाती हैं। मान्यता है कि इस दिन का भाई दूज का त्योहार भाई बहन के बीच पक्के रिश्ते की कच्ची डोरी के रूप में माना जाता है और बहन की कामना करने से भाई के जीवन के कष्ट दूर होते हैं। इस दिन बहन के घर भोजन करने का विशेष महत्व है। बहनों ने भाई को चावल खिलाते है भाई बहन के प्यार का यह त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया गया।