अफगानिस्तान: राजधानी काबुल की सबसे बड़ी मस्जिद शिया पर मोहर्रम से ठीक पहले आंतकी हमला हुआ। हमले में अबतक 14 लोग मारे जाने और 26 अन्य घायल होने की सूचना मिली है। अफगानिस्तान के आंतरिक मंत्रालय से प्रवक्ता सादिक सिद्दीकी ने बताया कि पुलिस ने मोर्चा संभालते हुए मस्जिद के घेरेबंदी कर हमला करने वाले तीनों बंदूकधारियों को मार गिराया है।
काबुल यूनीवर्सिटी के पास स्थित इस मस्जिद के भीतर फंसे लोगों को विशेष सुरक्षा बल के जवानों ने बाहर निकाला। मरने वालों में 13 नागरिक और एक पुलिस कर्मी शामिल हैं। रिपोर्टों के मुताबिक़ धमाके के बाद गोलीबारी की आवाज़ भी सुनी गई थी। इस हमले में कम से कम 14 लोग मारे गए हैं और 26 घायल हैं। मरने वालों में एक पुलिस अधिकारी भी हैं। जिस समय शहर के प्रमुख शिया धर्मस्थल कार्ते सखी पर हमला हुआ उस समय वहां शिया समुदाय के लोगों की भारी भीड़ जमा थी।
शियाओं पर हमलों में बढ़ोतरी-
अफगानिस्तान में पिछले दिनों में शियाओं पर हमलों में बढ़ोतरी देखी गई है। जुलाई में शिया-हजारा समुदाय पर हुए एक हमले में 80 लोगों की मौत हो गई थी। राष्ट्रपति अशरफ घनी ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि मानवता के खिलाफ क्रूरता भरा कदम है।
Afghanistan’s Interior Ministry says 14 people killed in militant attack on Shiite shrine in Kabul last night, 26 wounded. pic.twitter.com/GPEae2MJOX
— ANI (@ANI_news) 12 October 2016
क्या है अशूरा-
शिया समुदाय के लोग इलामिक कैलेंडर के अनुसार मुहर्रम महीने की दसवी तारीख़ जिसे अशूरा भी कहा जाता है, उस दिन इमाम हुसैन की मौत को याद करते हुए मातम मना रहे थे। इमाम हुसैन इस्लाम धर्म की बुनियाद रखने वाले पैग़म्बर मोहम्मद के नाती थे जिनकी 680 ईसवी में इराक़ के कर्बला के मैदान में हुई जंग में मौत हो गई थी। दुनिया भर के मुसलमान मुहर्रम महीने की दस तारीख़ को उनकी ‘शहादत दिवस’ के रुप में मनाते हैं।
Kabul Attack – MoI spokesman says attack at shrine is over, last attacker killed by police #Afghanistan: Afghan Media pic.twitter.com/WnfIGO9mzP
— ANI (@ANI_news) 11 October 2016