हनुमानगढ़। दीपावली के अगले दिन की जाने वाली गोवर्धन पूजा घर के आंगन में या फिर घर के आगे गोबर से आकृति आदि बनाकर की जाती है लेकिन जंक्शन की श्रीगोविंद धाम गोशाला में गोवर्धन पूजा हर वर्ष की तरह अनूठे तरीके से की गई। यहां बाकायदा गोवर्धन पर्वत बनाया गया। वह भी पूरा गोबर से निर्मित। यही नहीं मोर मुकुट धारी की शक्ल में तैयार किया गया यह गोवर्धन पर्वत शोभायमान लग रहा था। यह गोवर्धन पर्वत अपने आप में अनूठा रहा। श्रद्धालुओं ने केवल इनके दर्शन किए बल्कि इसकी पूजा और परिक्रमा भी जोर-शोर से की। अध्यक्ष इंद्र हिसारिया ने बताया कि हर वर्ष समिति सेवादारों द्वारा ऐसा गोवर्धन पर्वत बनाया जाता है।
विधिवत पूजा-अर्चना के बाद श्रद्धालुओं ने इसकी परिक्रमा भी की। बताया जाता है कि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने इंद्र का अभिमान चकनाचूर कर बृजवासियों की रक्षा की थी, इसलिए इस दिन भगवान श्री कृष्ण की पूजा का भी विशेष महत्व है। उन्होने बताया कि श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्व मनाकर गोकुलवासियों की रक्षा का वचन दिया था। उन्होंने भारी वर्षा में गोबर से बने पर्वत को अपनी अंगुली से उठाकर ग्रामीणों की रक्षा की। गोधन और पर्यावरण के महत्व को सभी को समझना चाहिए। पडित राजेन्द्र शास्त्री विधिवत पूजा अर्चना कर भगवान श्रीकृष्ण को 56 तरह के अन्नकूट का भोग लगाया जिसके पश्चात विशाल भण्डारा लगाया गया और श्रद्धालुओं में प्रसाद वितरण किया। उक्त आयोजन को सफल बनाने के लिये बीरबल जिन्दल, शिवभगवान ढुढाणी, मनीष बत्तरा, मुकेश महर्षि, बब्बी भटेवाला, लवली चावला, सौरभ जिन्दल ने व्यवस्थाएं संभाली।
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