मुम्बई: जितना भारत-पाकिस्तान की सीमा पर तनाव है उससे कही ज्यादा कला प्रमियों के मन में है। जहां कहीं कलाकार पाकिस्तान कलाकारों को स्पोर्ट कर रहे हैं तो कई उनकी निंदा। जिसमें एक नाम निर्देशक महेश भट्ट का भी शामिल हो गया है। उनका कहना है कि सीमा पार रहने वाले मेरे भाई-बहन आतंकवाद से सबसे ज्यादा ग्रस्त हैं, उन्हें आतंक के खिलाफ सख्त रवैया अख्तियार करना ही होगा।
जब पेशावर में 131 बच्चों का खून बहा था तो भारत में हम रोए क्योंकि हमने वही महसूस किया जो वो कर रहे थे। स्टार्स किसी से अलग नहीं हैं, इसलिए आप उनके सामने आइना रखकर सवाल करते हैं तो आप उन पर कृपा करते हैं। मैं हाथ जोड़कर और घुटनों पर आकर फवाद (खान) और यहां आने वाले सभी कलाकारों से अपील करता हूं कि वे आगे आएं और हमारी धरती पर हुए आतंकवाद की निंदा करें।
इससे रिश्ते बेहतर होंगे।” महेश ने अपने टि्वटर पर एक पोस्ट भी शेयर की। जिस के बाद लगातार कई फैंस और हस्तियों ने भारत-पाक शांति के लिए कई पोस्ट शेयर की और आंतकवाद के खिलाफ आवाज उठाने की मांग की।
हाल ही में भारतीय नागरिक बने गायक अदनान सामी ने आतंक के खिलाफ ट्वीट कर कहा कि ”मानव होने के नाते आपको इसकी (आतंकी हमलों) निंदा करनी होगी। इससे देश का कोई लेना-देना नहीं है। जब मुंबई 2011 हुआ तब मैं भारतीय नागरिक नहीं था, लेकिन मुंबई मेरा शहर है। मैं वहां रहता हूं, वहां से रोजी कमाता हूं, वो मेरा हिस्सा है। इसलिए मुझे भी उसपर उतना ही गुस्सा आया जितना किसी भारतीय नागरिक को आया होगा।”
सोमवार को बॉलीवुड के वरिष्ठ अभिनेता नाना पाटेकर ने कहा था कि ‘देश और जवान सबसे बड़े हैं और फिल्मी सितारों की हालत उनके सामने खटमल जैसी है।’ निर्माता-निर्दशक करण जौहर का कहना है कि ‘क्या पाकिस्तानी कलाकारों को वापस भेजने से समस्या का हल निकल जाएगा।’
करण की आने वाली फिल्म ‘ए दिल है मुश्किल’ में पाकिस्तानी कलाकार फवाद खान नजर आने वाले हैं। फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप ने कहा है कि ‘कलाकार, कलाकार होता हैै, आतंकी नहीं।’ वरिष्ठ अभिनेता आेम पुरी के बयान पर भारी विवाद हुआ।
अनुपम खेेर ने भी पाकिस्तानी कलाकारों से भारत में हुए आतंकवादी हमलों की निंदा करने की मांग की है। पटकथा लेखक-गीतकार जावेद अख्तर का कहना है कि देश में अभी गुस्सा है, इसलिए पाकिस्तानी कलाकारों को चले जाना चाहिए। अभिनेत्री सोनाली बेंद्रे ने कहा कि ‘दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों को देखते हुए यह वक्त की जरूरत है।’