आचार्य जयमलजी महाराज का 314 वा जन्मोत्सव तप के साथ मनाया

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तपाचार्य साध्वी जयमाला ने 41 उपवास के किये प्रत्याख्यान

संवाददाता भीलवाड़ा। एक प्रवचन सुनने मात्र से जिन्हें वैराग्य उत्पन्न हुआ और दीक्षा लेकर जिन्होंने संघ की सेवा की ऐसे महापुरुष भीष्म प्रतिज्ञाधारी आचार्य जयमलजी महाराज का 314 वा जन्मोत्सव आसींद में तपाचार्य साध्वी जयमाला के सानिध्य में तप त्याग के साथ मनाया गया। इस अवसर पर स्वयं साध्वी जयमाला ने गुप्त तपस्या की जिसका आज खुलासा करते हुए 41 उपवास के प्रत्याख्यान लिए। समारोह के मुख्य अतिथि पुखराज मेहता, अध्यक्ष जैन कांफ्रेंस कर्नाटक थे आचार्य जयमलजी के जन्मोत्सव समारोह में जोधपुर, पाली, मेड़तासिटी, भीम, ब्यावर, भीलवाड़ा, करेड़ा, बालाघाट, चेन्नई, बैंगलोर सहित आस पास के क्षेत्र के सैकड़ो श्रावक – श्राविकाएं उपस्थित थी। भीलवाड़ा से महामंडलेश्वर संत हंसराज के शिष्य मायाराम, जगतराम महाराज ने भी समारोह में शिरकत कर आचार्य जयमल महाराज के जीवन पर प्रकाश डाला। साध्वी विनीतरूप प्रज्ञा ने आचार्य द्वारा की गई कठोर तपस्या 16 वर्ष एकांतर, 16 वर्ष बेले बेले का तप, 40 मासखमन, बड़ी साधु वंदना की रचना पर प्रकाश डाला। साध्वी आनंद प्रभा ने कहा कि आचार्य ने 52 साल तक आडा आसन्न नही किया और 700 भव्यात्माओ को दीक्षा प्रदान की। समारोह में साध्वी चंदनबाला, साध्वी डॉ चंद्रप्रभा, साध्वी सुरभिश्री उपस्थित थे।समारोह में शामिल सभी विशिष्ट अतिथियों का स्वागत कर्ता भंवरलाल, चंद्रसिंह, प्रकाश कोठारी द्वारा सम्मान किया गया । समारोह को मुख्य अतिथि पुखराज मेहता, सुगनलाल धारीवाल जोधपुर, संपतराज जसनगर , कमला चौधरी, बालिका मंडल, महिला मंडल, संघ अध्यक्ष चन्द्र सिंह चौधरी, मंत्री देवी लाल पीपाड़ा आदि वक्ताओं ने सम्बोधित किया।

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