हनुमानगढ़। अखिल भारतीय धानका आदिवासी समाज हनुमानगढ़ द्वारा जिला कलक्टर को ज्ञापन देकर दिनांक 09.08.2019 धानका जाति के आदेश को संशोधन करने एवं धानका समाज की पक्ष में रिपोर्ट भेजन एवं जाति प्रमाण-पत्र बनाने के सम्बन्ध में ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया कि राज्य सरकार दिनांक 09.08.2019 क्रमांक 47478/518 के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के आदेशानुसार श्रीमान्जी द्वारा 09.08.2019 को क्रमांक 20709/20715 धानका जाति के लोगों को अनुसूचित जनजाति के प्रमाण-पत्र जारी करने के सम्बन्ध में आदेश जारी किया गया था। लेकिन उस आदेश में धानका एवं धाणका जाति को अलग-अलग बताया गया एवं जाति प्रमाण पत्रों प्रथमतया राजस्व रिकार्ड में आवेदक की जाति के आधार पर रिपोर्ट कर यह आदेश जारी किये गये थे। लेकिन 09.08.2019 वाले आदेश को निरस्त कर राज्य सरकार सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा 24.09.2019 को क्रमांक 56519/76 के अनुसार बताया गया है कि भारत सरकार द्वारा गजट नोटिफिकेशन 1976 में अंग्रेजी में धानका तथा हिन्दी में संस्करण 1979 में धाणका जाति को राजस्थान राज्य हेतु अनुसूचित जनजाति के रूप में अधिसूचित किया गया है । धानका समाज द्वारा यह कथन किया गया है कि समाज के व्यक्ति धानका एवं धाणका दोनों वर्तनियों का प्रयोग करते हैं एवं ये दोनों वर्तनियों एक ही जाति को इंगित करती है तथा इसे अनुसूचित जनजाति की मान्यता मिलनी चाहिए । संविधान का अनुच्छेद 342, 348 का यह कहना है कि यदि हिन्दी वर्तनी बोली चाली में त्रुटि आती है तो अंग्रेजी को मान्य किया जाए और हमें धानका का अंग्रेजी में प्रमाण पत्र दिया जाऐ।
जब जिला कलेक्टर अजमेर का पत्र क्रमांक क.अ./ न्याय/19/18316 दिनांक 03.12.2019 यह प्रमाणित कर रही है कि बोली चाली का अन्तर है वैसे धानका ओर धाणका एक ही है फिर क्यों नहीं मान्य किया जाता है. वो भी एक प्रशासन अधिकारी है इससे साफ जाहिर होता है कि प्रशासन हमारे साथ अन्याय कर रही है ओर मीना, मीणा दोनों अलग-अलग शब्द स्पैलिंग होते हुए राजस्थान सरकार इसको एक ही मानकर समर्थन दे रही है जबकि हमारे धानका धाणका में एक ही शब्द एक ही स्पैलिंग आ रही है ओर हमें अनदेखा कर रही है जो कि अन्याय की श्रेणी में आता है । जिला कलक्टर से निवेदन है कि राज्य सरकार सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को हमारी पक्ष में रिपोर्ट भेजे की धानका व धाणका एक ही जाति है जो जनजाति में आती है तथा दोनों में केवल ध्वनि उच्चारण का ही मात्र अन्तर है तथा राजस्व रिकार्ड के आधार न मांगे क्योंकि हमारे धानका समाज के 90 प्रतिशत लोगों के पास जमीन नहीं है तथा नगरपरिषद एवं सफाई इंस्पेक्टर एवं पार्षद की रिपोर्ट के आधार पर जाति प्रमाण पत्र बनाने के आदेश फरमावें ।
इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष इंद्र निनानिया, जिलाध्यक्ष ओम प्रकाश होठला, नगर अध्यक्ष चिरंजीलाल खर्रा, बुधराम संगरिया, मानकचंद पार्षद पीलीबंगा, रामचंद्र संगरिया,आईदान, कृष्ण लुगरिया, मदनलाल किराड़ ,ओमप्रकाश मावर, इंदर लुगरिया, टीटू खन्ना, सुभाष लुगरिया, खेमचंद सोलंकी सहित अन्य समाज के लोग मौजूद थे।
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