अवैध रूप से खोली तालाब की नहरें

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खेतों में सुखने के लिए रखी खरीब की फसल हुई बर्बाद

किसान खून के आंसू रोने को मजबूर
शाहपुरा(महावीर मीणा) कस्बे श्रेत्र का सबसे बड़ा चोतिस्या तालाब वर्षो बाद लबालब हुआ। तालाब में रबी की फसल काश्त करने की जल्दबाजी को लेकर तालाब पेटे के प्रभावशाली काश्तकार एवं जल उपभोक्ता संगम समिति की लापरवाही के चलते बीना योजना के गुरूवार रात तालाब की कच्ची नहरों में पानी छोड़ दिया। खेतों में पानी भर गया। वहां तैयार फसले पानी में डूब गयी तथा पानी व्यर्थ में बह रहा है।खेतों में सुखने के लिए तैयार फसले हुई बर्बाद बीना किसी योजना के जल संरक्षण समिति ने चौतिस्या तालाब की कच्ची नहरों में पानी छोडऩे से सिंचित होने वाली सैकड़ों बीघा भूमी में पानी भर गया। पीडि़त किसान पंकज सुगन्धी आदी का आरोप था कि किसान अभी फसलों को समेट ही नही पाये। खेतों में अभी ज्वार आदि की फसले खड़ी एवं कुछ में काटकर सुखने के लिए खेतों में ही छोड रखी है। नहरों में पानी छोडऩे से खेतों में पड़ी खरीब की फसले ज्वार आदि सब गिली व नष्ट हो गयी।तालाब में रबी की फसल काश्त करने के चक्कर में खोली नहरे

पीडि़त किसानों का आरोप था कि अभी खेतों में गिला सुखा भी नही है। नमी है लोग रबी की फसल के लिए खेंतों में बुआई के लिए खेतों को हांक-चोक(तैयार) भी नही कर पाये उससे पहले प्रभावशाली के लोगों ने अवैध तरीके से, जल संरक्षण समिति में निर्णय लिये बीना नहरों में पानी छोड़ दिया।
उम्मीदों पर फिरा पानी:- अतिवृष्टि के कारण खरीब की फसले पहले से ही गल कर चौपट हो गयी। वर्षो बाद तालाब भरने से किसानों में उम्मीद जगी थी कि इस बार रबी की फसल अच्छी तरह काश्त कर खरीब की हुई फसल का नुकसान भर पायेगे। समय से पूर्व नहरों में पानी छोडऩे से अब सैकड़ों किसान रबी की फसल भी काश्त करने से वंचित रहने से खूंन के आंसू रोने को मजबूर हो गये है।
मामले की शिकायत:- उल्लेखनीय है कि पंचायत के चार तालाब शाहपुरा पंचायत समिति के अन्र्तगत होने से इस मामले की शिकायत शुक्रवार को कई किसानों ने पंचायत समिति के कार्यवाहक प्रधान महबूब से की। महबूब ने बताया कि इन तालाबों की जल उपभोक्ता संरक्षण समिति बनी हुई है। नहरों के रख रखाव, नहरे खोलने, बंद करने, पानी की पिलाई वसूलने का कार्य समिति ही देखती है। इसमें पंचायत समिति का कोई हस्तक्षेप नही रहता। कल मौका देखेगें।
फोटों में चौतिस्या तालाब की अवैध रूप से नहर में पानी छोडऩे से श्रेत्र के खेतो में सुखने के लिए तैयार ज्वार की फसल पानी में डूबी हुई।