कोई भी दिन दुःखी, असहाय , रोगग्रस्त आता था तो वो वापिस हंसते हंसते जाता हैं मिश्रीमल म.सा.

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संवाददाता भीलवाड़ा। आसींद मरुधर केसरी मिश्रीमल म.सा. का 121 वा जन्मोत्सव त्याग तपस्या के साथ तपाचार्य साध्वी जयमाला के सानिध्य में महावीर भवन में आयोजित किया गया। इस अवसर पर साध्वी चंदनबाला ने कहा कि मरुधर केसरी गरीबो के मसीहा थे उन्होंने मूक प्राणियों के लिए अनेक गौ शाला सहित श्रमण संघ की एकता बनाये रखने के लिए सदैव अग्रणी रहे है। मरुधर केसरी 36 कोम के संत थे उनके दरबार मे कोई भी दिन दुःखी, असहाय , रोगग्रस्त आता था तो वो वापिस हंसते हंसते जाता था। गुरुदेव एक लब्धि एवं वचनसिद्ध महापुरुष थे। आपने कई विद्यालय, महाविद्यालय, चिकित्सालय, छात्रावास खुलवाए जो आज भी सुव्यस्थित ढंग से चल रहे है जिससे लाखों लोग लाभान्वित हो रहे है। साध्वी आनदप्रभा, डॉ चन्द्र प्रभा ने भी गुरुदेव के गुणगान किये। हर रविवार को आयोजित होने वाले नवकार महामन्त्र के सामूहिक जाप की 26 वी कड़ी सुबह 8.30 बजे से शुरू होगी। जाप के पश्चात भाग्यशाली विजेता का लक्की ड्रा निकालकर सम्मानित किया जायेगा।बाहर से आये आगन्तुको का संघ के पदाधिकारियों ने स्वागत किया।

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