क्या है Digital Arrest? घर में कैद करने से पहले मिलते हैं ऐसे संकेत, जानें क्या है इसके बचाव

डिजिटल अरेस्ट की शुरुआत एक मैसेज या फोन कॉल के साथ होती है। डिजिटल अरेस्ट करने वाले ठग लोगों को फोन करके कहते हैं कि वे पुलिस डिपार्टमेंट या इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से बात कर रहे हैं।

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देश भर में साइबर क्राइम तेजी से बढ़ता जा रहा है। इन दिनों साइबर ठग धोखाधड़ी के लिए डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) स्‍कैम कर रहे हैं। डिजिटल अरेस्ट के जरिये करोड़ों रुपये का चूना लगा रहे हैं। डिजिटल अरेस्ट का मतलब वीडियो कॉल के जरिए किसी को गिरफ्तारी का डर दिखाकर उसे उसके ही घर में कैद करके मुंहमांगी फिरौती वसूलना होता है। चलिए इस पर विस्तार से आपको बताते हैं कि डिजिटल अरेस्ट क्या है? डिजिटल अरेस्ट की पहचान कैसे करें और इससे बचने के लिए क्या करें? जानकारी पसंद आने पर खबर को जरुर शेयर करें।

आपको जानकर हैरानी होगी कि पिछले 4-5 माह में करीब 400 करोड़ रु. ठगे जा चुके हैं या फिर इससे ज्यादा। ताज्जुब ये है कि इसमें जो शिकार बने हैं, उनमें डॉक्टर, सॉफ्टवेयर इंजीनियर, सैन्य अफसर और आईआईटी प्रोफेसर जैसे उच्च शिक्षित लोग शामिल हैं। यूपी, मप्र, राजस्थान, महाराष्ट्र, हरियाणा, बेंगलूरु समेत देश के कई राज्यों में ऐसे केस लगभग हर रोज आ रहे हैं। इसके पीछे दुबई में बैठे मास्टरमाइंड हैं।

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क्या है डिजिटल अरेस्ट?
डिजिटल अरेस्ट ब्लैकमेल करने का एक एडवांस तरीका है। डिजिटल अरेस्ट स्कैम के शिकार वही लोग होते हैं जो अधिक पढ़े लिखे और अधिक होशियार होते हैं। डिजिटल अरेस्ट का सीधा मतलब ऐसा है कि कोई आपको ऑनलाइन धमकी देकर वीडियो कॉलिंग के जरिए आप पर नजर रख रहा है। डिजिटल अरेस्ट के दौरान साइबर ठग नकली पुलिस अधिकारी बनकर लोगों को धमकाते हैं और अपना शिकार बनाते हैं। इस दौरान वे लोगों से वीडियो कॉल पर लगातार बने रहने के लिए कहते हैं और इसी बीच केस को खत्म करने के लिए पैसे भी ट्रांसफर करवाते रहते हैं।

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फोन कॉल से शुरु होता है डिजिटल अरेस्ट?
डिजिटल अरेस्ट की शुरुआत एक मैसेज या फोन कॉल के साथ होती है। डिजिटल अरेस्ट करने वाले ठग लोगों को फोन करके कहते हैं कि वे पुलिस डिपार्टमेंट या इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से बात कर रहे हैं। ये कहते हैं कि आपके पैन और आधार का इस्तेमाल करते हुए तमाम चीजें की खरीदी गई हैं या फिर मनी लॉन्ड्रिंग की गई है। कई बार यह भी दावा किया जाता है कि वे कस्टम विभाग से बोल रहे हैं और आपके नाम से कोई पार्सल आया है जिसमें ड्रग्स या प्रतिबंधित चीजें हैं। इसके बाद वे वीडियो कॉल करते हैं और सामने बैठे रहने के लिए कहते हैं। इस दौरान किसी से बात करने, मैसेज करने और मिलने की इजाजत नहीं होती। इस दौरान जमानत के नाम पर लोगों से पैसे भी मांगे जाते हैं। इस तरह लोग अपने ही घर में ऑनलाइन कैद होकर रह जाते हैं और इसे ही डिजिटल अरेस्ट कहा जाता है।

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कैसे बचें डिजिटल अरेस्ट से?
हर तरह से बचाव केवल इतना है कि आपको डरना नहीं है। अगर आपके पास इस तरह के फर्जी कॉल आते है तो आपको सबसे पहले डरना नहीं है। ऐसे कॉल आने पर तुरंत पुलिस में शिकायत करें। यदि कोई मैसेज या ई-मेल आता है तो उसे सबूत के तौर पर पुलिस को दें। यदि किसी कारण आपने कॉल रिसीव कर लिया और आपको वीडियो कॉल पर कोई धमकी देने लगा तो स्क्रीन रिकॉर्डिंग के जरिए वीडियो कॉल को रिकॉर्ड करें और शिकायत करें। किसी भी कीमत पर डरें नहीं और पैसे तो बिलकुल भी ना भेजें।

डिजिटल अरेस्ट से बचने के 3 तरीकें…

  • अनजान नंबरों से आई वीडियो कॉल्स से अगर ठगी का अंदेशा हो तो नंबर ब्लॉक करके साइबर अपराध निरोधक सेल को सूचित करें।
  • अपने फोन, लैपटॉप और डेस्कटॉप के पासवर्ड व सॉफ्टवेयर अपडेट रखें।
  • सहायता के लिए तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 या www.cybercrime.gov.in पर जानकारी दें।

क्‍या फर्जी कॉल्‍स की ऑनलाइन शिकायत कर सकते हैं?
व्हाट्सएप पर आने वाली फर्जी कॉल्स और मैसेज को रोकने के लिए टेलीकॉम विभाग ने ‘चक्षु'(Chakshu) नाम से एक पोर्टल लॉन्च किया है। इस पर स्‍पैम कॉल, मैसेज, वॉट्सएप पर आने वाली फर्जी कॉल्स व मैसेज की शिकायत कर सकते हैं।

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चक्षु पोर्टल पर शिकायत कैसे करें?

  • स्‍टेप-1: संचार साथी पोर्टल की ऑफिशियल वेबसाइट (sancharsaathi.gov.in) पर जाएं।
  • स्‍टेप-2: सिटीजन सेंट्रिक सर्विसेज (Citizen Centric Services) पर क्लिक करें।
  • स्‍टेप-3: रिपोर्ट सस्‍पेक्‍टेट फ्रॉड कम्युनिकेशन (Report Suspected Fraud Communication) पर क्लिक करें।
  • स्‍टेप-4: फिर कंटीन्यूअस फॉर रिपोर्टिंग (Continue For Reporting) के ऑप्शन पर जाएं।
  • स्टेप-5 : यहां एक फॉर्म का पेज खुलेगा। इसमें फर्जी कॉल या मैसेज की जानकारी भरें।
  • स्‍टेप-6: फॉर्म में एक फ्रॉड लिस्ट नजर आएगी। अपनी शिकायत पर क्लिक करें।
  • स्‍टेप-7: इसमें फेक कॉल या मैसेज का स्क्रीनशॉट भी अपलोड करें।
  • स्‍टेप-8: लास्ट में अपना मोबाइल नंबर और नाम लिखें।
  • स्‍टेप-9: कैप्चा कोड और OTP वेरिफिकेशन के बाद फॉर्म सबमिट कर दें।

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