सरकार ने टिक टॉक समेत चीन के 59 ऐप पर बैन लगा दिया है। इस पर टिक टॉक इंडिया ने कहा कि हम भारतीय कानून का पालन कर रहे हैं। इस बीच, न्यूज एजेंसी एएनआई ने बताया कि एपल के ऐप स्टोर और गूगल प्ले स्टोर से टिक टॉक ऐप को हटा दिया गया है।
उधर, टिक टॉक इंडिया के सीईओ निखिल गांधी ने बताया कि हम भारतीय कानून के तहत डेटा प्राइवेसी और सुरक्षा के सभी नियमों का पालन कर रहे हैं। हमने चीन समेत किसी भी विदेशी सरकार के साथ भारतीय यूजर्स की जानकारी शेयर नहीं की है। अगर भविष्य में भी हमसे अनुरोध किया जाता है तो हम ऐसा नहीं करेंगे। हम यूजर की निजता की अहमियत समझते हैं।
इन ऐप्स पर बैन लगाया गया
- TikTok, Shareit, Kwai, UC Browser, Baidu map, Shein, Clash of Kings, DU battery saver, Helo, Likee, YouCam makeup,Mi Community, CM Browers, Virus Cleaner, APUS Browser, ROMWE,Club Factory, Newsdog, Beutry Plus, WeChat, UC News, QQ Mail, Weibo, Xender, QQ Music, QQ Newsfeed, Bigo Live, SelfieCity, Mail Master, Parallel Space, Mi Video Call – , Xiaomi, WeSync, ES File Explorer, Viva Video – QU Video Inc, Meitu, Vigo Video, New Video Status, DU Recorder, Vault- Hide, Cache Cleaner DU App studio, DU Cleaner, DU Browser, Hago Play With New Friends, Cam Scanner, Clean Master – Cheetah Mobile, Wonder Camera, Photo Wonder, QQ Player, We Meet, Sweet Selfie, Baidu Translate, Vmate, QQ International, QQ Security Center, QQ Launcher, U Video, V fly Status Video, Mobile Legends, DU Privacy
केंद्र सरकार द्वारा बैन लगाने के 12 घंटे के भीतर भारत में सबसे ज्यादा लोकप्रिय एप टिकटॉक गूगल प्ले-स्टोर और एपल के स्टोर से हटा दिया गया है। मंगलवार सुबह तक टिकटोक ऐप दोनों स्टोर्स पर मौजूद था मगर अब यह दिखाई नहीं दे रहा है। प्ले-स्टोर पर सर्च करने पर टिकटॉक से मिलते जुलते कई नाम के ऐप्स नजर आ रहे हैं।
सरकार ने कहा- भारतीयों की प्राइवेसी और डेटा की सुरक्षा को लेकर चिंताएं थीं
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- 59 ऐप्स की लिस्ट में टिक टॉक, यूसी ब्राउजर, हेलो और शेयर इट जैसे ऐप्स शामिल हैं। सरकार ने सोमवार को कहा था कि इन चाइनीज ऐप्स के सर्वर भारत से बाहर मौजूद हैं। इनके जरिए यूजर्स का डेटा चुराया जा रहा था। इनसे देश की सुरक्षा और एकता को भी खतरा था।
- सरकार ने इन्फर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट के सेक्शन 69 ए के तहत इन चीनी ऐप्स को बैन किया है। सरकार के मुताबिक, पिछले कुछ दिनों से 130 करोड़ भारतीयों की प्राइवेसी और डेटा की सुरक्षा को लेकर चिंताएं जाहिर की जा रही थीं।
- सूचना मंत्रालय को मिल रही शिकायतों में कहा गया था कि एंड्राॅयड और आईओएस प्लेटफॉर्म पर मौजूद कुछ मोबाइल ऐप्स का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। ये ऐप्स गुपचुप और अवैध तरीके से यूजर का डेटा चोरी कर भारत के बाहर मौजूद सर्वर पर भेज रहे थे।
चीनी मीडिया में भारत को लेकर लगी मिर्ची-
चीनी ऐप बंद होने पर चीनी सरकार ने भले ही अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी हो, लेकिन चीन की सरकारी मीडिया (ग्लोबल टाइम्स) ने भारत के कदम को अमेरिका की नकल करने वाला करार दिया है। चीनी अखबार ने कहा है कि चीन की वस्तुओं के बहिष्कार के लिए भारत भी अमेरिका जैसे ही बहाने ढूंढ रहा है।
अखबार ने आरोप लगाया है कि चीन से मालवेयर, ट्रोजन हॉर्स और राष्ट्रीय सुरक्षा का ख़तरा बताकर इस तरह के प्रतिबन्ध लगाए गए हैं। अख़बार के मुताबिक अमेरिका ने भी राष्ट्रवाद की आड़ में इसी तरह चीन के सामानों को निशाना बनाना शुरू किया था। चीनी मीडिया ने फिर दोहराया है कि इस तरह के क़दमों से भारत की अर्थव्यवस्था को ही नुकसान होगा।