एक दंपति ने तैयार की ‘डिजिटल बेटी’ जानिए क्या थी वजह

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जापान: वो दिन दूर नहीं जब इंसानों के साथ मशीनी इंसान भी घूमा करेंगे और लोग उनमें से अंतर नहीं कर पाएंगे। ऐसी शुरूवात जापान की कंम्प्यूट लैब ने डिजिटल बेटी को जन्म देकर कर दी है। जिसके बाद सोशल मीडिया पर इसकी खूब चर्चा हो रही है। आम लड़की की तरह दिखने वाली साया को देखकर यक़ीन ही नहीं होता कि उसे टोक्यो के कंप्यूटर लैब में तैयार किया गया है। स्कूल ड्रेस के साथ टाई, झालरदार बाल और मासूमियत के साथ जब साया कहीं से गुजरती है तो लोगों को पता ही नहीं चलता है कि वो इंसान नहीं हैं।

बीते एक साल के दौरान इस दंपत्ति ने साया को परफैक्ट बनाने की दिशा में भी काफ़ी काम किया है। उसके चेहरे मोहरे को कहीं ज्यादा सहज भाव देने की कोशिश के साथ साया का नया वर्जन उन्होंने पेश किया है। महिला ग्राफिक आर्टिस्ट यूको इशिकावा कहती हैं, “हमने साया को ज़्यादा मानवीय बनाने के लिए उसके सिर से अंगूठे तक काम किया है।”साया के नए वर्जन को देखने के बाद दुनिया भर में लोग दंग हैं। एक यूजर ने ट्वीट किया है, “ये तो वास्तविक लड़की की तस्वीर है।”

एक दूसरे शख़्स ने लिखा है, “मैं उसकी आवाज सुनने के लिए और इंतजार नहीं कर सकता, वह कैसे चलती है, ये भी देखना है।”एक अन्य शख़्स ने लिखा है, “कमाल है, एकदम वास्तविक लगती है।”यूको इशिकावा ने बताया, “हम खुद को साया के पैरेंट्स के तौर पर नहीं देखते हैं, लेकिन उसे अपनी बेटी की तरह ही प्यार और लगाव से तैयार किया है।”

यूको के मुताबिक़ साया को बनाने के दौरान उनके दिमाग में टोक्यो के शिबुआ इलाके में रहने वाली लड़कियों का ध्यान था। कोशिश ये भी की गई है साया, 17 साल की दिखे। साया में जापानी महिलाओं में पाए जाने वाले हर अच्छे गुण को शामिल किया गया है। मसलन वह दयालु है, अच्छा लड़की है और नैतिक मूल्यों से भरी हुई है। साथ में क्यूट तो है ही साया। हालांकि साया को पहले तैयार करने का इरादा नहीं था, वो महज साइड प्रोजेक्ट भर थीं।

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लेकिन जब उसे लोगों ने हाथों हाथ लिया तो इशिकावा को साया में संभावना दिखी। इशिकावा और उनके पति ने अपनी नौकरी छोड़ दी और पूरी तरह से साया को तैयार करने में जुट गए। नौकरी से बचाए पैसों से घर की ज़रूरतें पूरी हुईं और बाद में उन्हें कारपोरेट घरानों से मदद भी मिलने लगी।

इस सप्ताह दोनों साया के पहले एनिमेटेड वर्जन को जापान में होने वाले कंज्यूमर इलेक्ट्रानिक एक्जीबिशन सीईएटीईसी में प्रदर्शित करने वाले हैं। हालांकि इससे संबंधित क्लिप में साया के चलने फिरने में झटका जैसा महसूस किया जा सकता है। इशिकावा इस चुनौती को मानती हैं, “सबसे ज़्यादा मुश्किल तो यही है कि उसके मूवमेंट को कैसे नेचुरल बनाया जाए।”

इस चुनौती का हल निकालने में इशिकावा दंपति जुड़े हुए हैं और उनका सपना साया को वर्चुएल ह्यूमन के तौर पर विकसित करने का है। उन्हें उम्मीद है कि एक दिन साया आम लड़कियों की तरह बात करेगी और लोगों को भावनात्मक संबल भी देगी। तब तक साया को आप डिस्पले और स्क्रीन पर देख सकते हैं।

इशिकावा को ये भी उम्मीद है कि आर्ट टैक्नालॉजी की मदद से, साया को फ्रेम के दायरे से बाहर आम लोगों के संसार में लाना संभव होगा।