ओपन AI कंपनी का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से चलने वाला चैटबॉट- चैट जीटीपी (chat gpt) आने के बाद से ही यूजर्स की पहली पसंद बना हुआ है। चैट जीटीपी कम समय में इतना पॉपुलर हो गया है कि अब इस पर कॉलेजों ने रोक लगाने की सोची है और भारत में इसकी शुरुवात तक हो चुकी है।
खबर है कि बेंगलुरु के आरवी यूनिवर्सिटी ने इस पर बैन भी लगा दिया है। भारत के अलावा चैटजीपीटी दुनिया के अलग-अलग शहरों के स्कूलों में पहले ही बैन हो चुका है। न्यूयॉर्क सिटी डिपॉर्टमेंट ऑफ एजुकेशन, सिएटल पब्लिक स्कूल, फ्रांस की टॉप यूनिवर्सिटी में शामिल साइंस पो यूनिवर्सिटी ने इस पर रोक लगाई है। इन सारी ही यूनिवर्सिटीज का मानना है कि इससे स्टूडेंट्स की लर्निंग प्रभावित हो रही है।
एक जनवरी को बेंगलुरु के कॉलेजों में सर्कुलर निकाला गया है कि कोई भी छात्र फाइनल सबमिशन के लिए चैट जीपीटी और इसके जैसे किसी भी AI टेक्नोलॉजी का सहारा नहीं लेंगे।
ChatGPT है क्या?
चैट जीपीटी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ट सॉफ्टवेयर है। पूरा नाम चैट जेनरेटिव प्रीट्रेन्ड ट्रांसफॉर्मर। ओपन सोर्स की वेबसाइट पर जाकर यूजर्स को चैट जीपीटी का आइकॉन क्लिक करना होता है और चैट को जरिए अपना सवाल पूछना होता है।
कौन है मालिक ChatGPT का?
इसके फाउंडर टेस्ला-ट्विटर के मालिक एलन मस्क और ओपन एआई के मालिक सैम अल्टमैन हैं। इनदोनों ने इस पर साल 2015 में काम करना शुरू किया था। बाद में मस्क ने ओपन एआई कंपनी छोड़ दी थी। पिछले साल 30 नवंबर को इसे लॉन्च किया गया। लॉन्च होने के पांच दिन के अंदर ही इसके 10 लाख यूजर हो गए थे।
कैसे हुआ कम समय में इतना पॉपुलर ChatGPT ?
कुछ महीनों में ही लोगों के बीच चैट जीपीटी काफी पॉपुलर हो गया है। इसकी सिंपल सी वजह है कम समय में बेहतरीन जवाब देना। यूजर्स इस पर एक शब्द लिखें या वो रिसर्च चाहते हैं तो ये डिटेल आंसर देता है। वो भी सिर्फ मिनटों में। यूजर्स इसका इस्तेमाल वीडियो स्क्रिप्ट, कविता, निबंध, कवर लेटर, लीव एप्लिकेशऩ के साथ ही किसी मुद्दों को गहराई समझने के लिए भी कर रहे हैं। इस वजह इसकी तुलना गूगल से की जाने लगी है।
ऐसा भी नहीं है चैटजीपीटी से हर बार पूछे गए सवाल का जवाब सही ही हो। ऐसा इसलिए हो रहा क्योंकि इसकी जानकारी 2021 की वैश्विक घटनाओं तक सीमित है। इस वजह से यूजर्स को कभी-कभार गलत या बेमेल जवाब मिलता है। जैसे एक यूजर ने ऑस्कर को लेकर सवाल किया था। सवाल ये था कि कितने भारतीयों ने अब तक ऑस्कर जीता है? चैट जीपीटी ने गलत जवाब देते हुए 2021 तक सिर्फ भानु अथय्या का नाम लिखा।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस दुनिया के लिए खतरनाक क्यों है?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से होने वाले खतरे को लेकर टेक कम्युनिटी में एक लंबी बहस चलती रहती है। उनका मानना है कि अभी चाहे जितना अच्छा और आसान लग रहा है। बाद में एआई लोगों के लिए मुश्किलें खड़ी कर देंगे। एआई ऑटोमेशन के कारण लोगों की नौकरियां जाएंगी। राजनीति के लिए एआई एल्गोरिदम की वजह से समाज में गलत जानकारियां या नफरत फैल सकती है। ऐसा हुआ भी है।
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