iPhone पर पेगासस स्पायवेयर अटैक, Apple ने किया 91 देशों को अलर्ट, जानें मामला?

इसे मैलवेयर भी कहा जाता है। यह सॉफ़्टवेयर, उपयोगकर्ता की जानकारी के बिना कंप्यूटर में इंस्टॉल हो जाता है. यह डिवाइस पर हमला करता है और उससे संवेदनशील जानकारी और इंटरनेट उपयोग डेटा चुरा लेता है।

0
397

Apple Iphone Alert: एपल ने आईफोन यूजर्स को ‘मर्सनरी स्पायवेयर’ के जरिए टारगेट किया जा रहा है। इसकी जानकारी एपल ने खुद दी है। एपल ने भारत सहित उन 91 देशों के अपने यूजर्स को वॉर्निंग मेल भेजा है। एपल ने 11 अप्रैल को भारतीय समयानुसार रात करीब 12:30 बजे कुछ भारतीय यूजर्स को वॉर्निंग मेल भेजा है। मेल में लिखा है, ‘Apple ने पाया है कि आप एक ‘मर्सनरी स्पायवेयर’ अटैक का शिकार हो रहे हैं, जो आपके Apple ID -xxx- से जुड़े iPhone को दूर से ही हैक करने की कोशिश कर रहा है। कृपया इसे गंभीरता से लें।’

इकोनॉमिक टाइम्स का दावा है कि उसने एपल की ओर से जारी थ्रेट नोटिफिकेशन को देखा है, जो सिचुएशन की गंभीरता को दिखाता है। थ्रेट नोटिफिकेशन में इस स्पायवेयर अटैक को रेगुलर कंज्यूमर मालवेयर की तुलना में कहीं अधिक रेयर (दुर्लभ) और आर्गनाइज्ड बताया गया है।

नोटिफिकेशन में कहा गया है, ‘मर्सनरी स्पायवेयर’ अटैक आमतौर पर यूजर्स के स्पेसिफिक एपल ID का इस्तेमाल करके चुना जाता है, जो दिखाता है कि यह अटैक व्यक्ति की पहचान या एक्टिविटी के आधार पर किया गया है।

ये भी पढ़ें: MG हेक्टर का ब्लैकस्टॉर्म एडिशन भारत में लॉन्च, जानें 75 से ज्यादा फीचर्स और कीमत के बारें में

स्पाइवेयर क्या है?
इसे मैलवेयर भी कहा जाता है। यह सॉफ़्टवेयर, उपयोगकर्ता की जानकारी के बिना कंप्यूटर में इंस्टॉल हो जाता है. यह डिवाइस पर हमला करता है और उससे संवेदनशील जानकारी और इंटरनेट उपयोग डेटा चुरा लेता है। इसके बाद, यह डेटा विज्ञापनदाताओं, डेटा फ़र्मों, या बाहरी लोगों को भेज देता है।

ये भी पढ़ें: ब्लॉगिंग करने में काम आएंगे ये चार AI टूल्स, कुछ ही दिनों में होंगे मालामाल

स्पायवेयर कैसे काम करता है?

  • आपके डिवाइस में घुसपैठ करता है: ऐसा तब हो सकता है जब आप किसी अनसेफ वेबसाइट पर जाते हैं, अनजाने में कोई अनसेफ ऐप इंस्टॉल करते हैं, या यहां तक कि कोई फाइल अटैचमेंट भी खोलते हैं।
  • आपके डेटा को कैप्चर करता है: एक बार जब स्पायवेयर आपके डिवाइस पर होता है, तो यह डेटा एकत्र करना शुरू कर देता है, जो आपकी वेब एक्टिविट से लेकर स्क्रीन कैप्चर और आपके कीस्ट्रोक्स तक कुछ भी हो सकता है।
  • किसी थर्ड पार्टी को डेटा देता है: कैप्चर किया गया डेटा स्पायवेयर क्रिएटर तक पहुंचने के बाद वह इसे या तो सीधे खुद इस्तेमाल करता है या थर्ड पार्टी को बेच देता है। डेटा में क्रेडिट कार्ड और बैंक लॉगिन डिटेल्स भी शामिल हो सकती है।

ये भी पढ़ें: Samsung Galaxy ने लॉन्च किया M15′ और ‘गैलेक्सी M55’, जानें कीमत और फीचर्स

सिक्योरिटी के लिए फॉलो करें…

  • लेटेस्ट सॉफ्टवेयर में अपने डिवाइसेज को अपडेट करें, क्योंकि इसमें लेटेस्ट सिक्योरिटी फिक्सेज शामिल होते हैं।
  • डिवाइसेज को पासकोड से प्रोटेक्ट करें। एपल ID के लिए टु फैक्टर ऑथेंटिकेशन और मजबूत पासवर्ड यूज करें।
  • ऐप स्टोर से ही ऐप्स इंस्टॉल करें। अननोन सेंडर के लिंक या अटैचमेंट पर क्लिक न करें। स्टॉन्ग और यूनीक पासवर्ड यूज करें।

व्हाट्सऐप पर हमें फॉलो करें, लिंक नीचे
हमारे साथ व्हाट्सऐप पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें (We’re now on WhatsApp, Click to join)

ताजा अपडेट्स के लिए आप पञ्चदूत मोबाइल ऐप डाउनलोड कर सकते हैं, ऐप को इंस्टॉल करने के लिए यहां क्लिक करें.. इसके अलावा आप हमें फेसबुकट्विटरइंस्ट्राग्राम और यूट्यूब चैनल पर फॉलो कर सकते हैं।