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मानव को संस्कारी बनाना ही सर्वोच्च मानव सेवा है-मुनि श्रमण यशविजय
जिला संवाददाता भीलवाड़ा। मानव को संस्कारी बनाना ही सर्वोच्च मानव सेवा है, जो सिर्फ अपनी ही सोच में डूबा है वह पशु है, लेकिन...