Sunday, December 29, 2024
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Tag: poetry on mother

बिन कहे सब समझ जाती है – माँ

खुद भूखा रहकर हमे खिलाती है वो, हर दुःख से हमे बचाती है वो, बिन कहे सब समझ जाती है, खुद से ज्यादा हमे चाहती है वो, ऊँगली...
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