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Tag: meri kalam se

मेरी क्या ही औक़ात लिखूं

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वो देश संभाले कांधो पर, संकट-मोचन के दूत लगे शत्रु से साक्षात्कार करें ,मैं कागज पे संहार लिखूं? सरहद पर सीना ताने, अंतिम सांस तलक भिड़ते महफूज...

सरस्वती की वंशावली

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जो भाषा भारत के भू - भाग में फैलीं है, जो भाषा भारत में संयुक्त परिवार बन फैली है , जो अवधी हरयाणवी ब्रज हिमाचली भोजपुरी कुमांयूंनी गढ़वाली राजस्थानी बघेली बुंदेली मैथिली और...

सेना के सम्मान में

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सेना के सम्मान में इक युग गाथा का सार लिखूँ क्या अनंत का विस्तार लिखूँ ? छाती का बलिदान लिखूँ या आखों की जल-धार लिखूँ ? शहीद का आभार...

बेटी का अपनी माँ से निवेदन !

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माँ, मैं बड़ी हो गई हूँ, क्योंकि, वो घूरते हैं मुझे.. माँ, मुझे डर लगता है, क्योंकि, वो छेड़ते हैं मुझे.. माँ, मुझे फ़िर से अपनी गुड़िया बना...

मजहब

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मजहब-मजहब से टकरा रहा है इस मजहब की दीवार को गिरा देते हैं। जब अपने होने का पता देते हैं आंखों ही आंखों से कयामत गिरा देते...

फिर क्यों उम्मीद करते हो उससे संस्कारो की !

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​कहाँ मांग की थी तुम ने  संस्कारो की तुम तो दहेज के भिखारी थे तुम्हें तो चाह थीं सारे ऐश-आरामों की  धन  मे तौला था तुम ने...

बाल-मजदूरी : कुछ सवाल मजबूर बचपन के !

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मैं भी एक बचपन हूं ठीक तुम्हारे बच्चों की ही तरह, मैं भी एक नटखटपन हूं मेरे भी नन्हे हाथ है, नाज़ुक कमजोर कंधे है, पर उन कंधो पर...

सियासत

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सियासत में ये इस कदर डूब जाते हैं, वीरो की शहादत   पर भी सवाल उठाते हैं, जो इनको सच का आइना दिखलाये, उनको ये देशद्रोही और...

भारत बचाओ

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हमें अपने इस प्यारे भारत को बचाना है, उसे अपना वही पुराना स्थान दिलाना है, चलो अभी यह प्रण हम करें, सब मिलकर, कि बस अब और...

साल दर साल

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साल  दर  साल  यूँ  ही  बदलते  चले  गए, उम्र  बढ़ती  गई  , सपने   मरते  चले  गए। क्या  कुछ  बदला  पिछले  कुछ सालों में, हाँ  हर  साल  धोखो ...