Sunday, November 3, 2024
Home Tags Hindi poetry

Tag: Hindi poetry

बाल-मजदूरी : कुछ सवाल मजबूर बचपन के !

मैं भी एक बचपन हूं ठीक तुम्हारे बच्चों की ही तरह, मैं भी एक नटखटपन हूं मेरे भी नन्हे हाथ है, नाज़ुक कमजोर कंधे है, पर उन कंधो पर...

सियासत

सियासत में ये इस कदर डूब जाते हैं, वीरो की शहादत   पर भी सवाल उठाते हैं, जो इनको सच का आइना दिखलाये, उनको ये देशद्रोही और...

बिन कहे सब समझ जाती है – माँ

खुद भूखा रहकर हमे खिलाती है वो, हर दुःख से हमे बचाती है वो, बिन कहे सब समझ जाती है, खुद से ज्यादा हमे चाहती है वो, ऊँगली...
Jaipur
haze
22.6 ° C
22.6 °
22.6 °
53 %
2.1kmh
0 %
Sat
23 °
Sun
34 °
Mon
34 °
Tue
34 °
Wed
34 °