Tag: सामाजिक मुद्दों पर कविता
लड़की हूँ मैं : फिर क्यों दुनिया में मेरी इज़्ज़त नहीं...
बहन हूँ मैं, बेटी हूँ
देश की पहचान हूँ मैं
माँ हूँ मैं पत्नी हूँ
परिवार का सम्मान हूँ मैं
शांति का प्रतीक हूँ प्रतिशोध का प्रतीक हूँ
फिर...
बचपन – कलयुग के कंसों के आगे, कान्हा अब लाचार है...
मैं भूखे बच्चों के लिए रोटी की आस लिखता हूँ ।
प्यास से कांपते होठों की सांस लिखता हूँ ।।
चाह नहीं मुझे मोहब्बत के गीत...