Tag: पञ्चदूत
रिश्तों का मोल – हमारा जीवन माँ, बहन, भाई या पिता...
इज़्ज़त का क्या मतलब हैं ये हर कोई समझता हैं। आज मैं ये टॉपिक लायी क्योंकि मैं इस बारे में बहुत कुछ सोचती हूँ। ...
अबोध कन्या की आवाज़ – फ़रियाद मेरी ना काम आयी
माँ अभी मैं छोटी हूँ
मत छीनों मेरा बचपन
कैसे मैं रह पाऊंगी
तड़प - तड़प मर जाएंगी
अभी खेल रहीं मैं गुड़ियों से
फिर क्यूँ मुझे बोझ समझती हो,
उठाने...
यही तो ज़िन्दगी है कि जो आप सीख रहे हो…..
अपना स्वेटर पहना और घुमतेे घुमते गाँव के रेलवे स्टेशन पर जा पहुँचा।। अक्सर यहाँ पर आया करता हूँ। दस-बारह लोग स्टेशन पर खड़े...