Tag: देश
देश
वो दौर बुरा था यारों जब, साँसे देश की गुलाम थी,
कुछ अपने भी भीरू थे, पगड़ी दुश्मन के नाम थी।
कैसे देख सकता था कोई...
ना जाने क्या होगा मछली, मगरमच्छ और इस तालाब का !
वो कहते हैं न कि एक मछली पूरे तालाब को गन्दा कर सकती हैं, थोड़ा अजीब लगता हैं कि एक मछली कैसे तालाब को...