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Tag: कविता

दिखे हैं अग्निपथ….

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घरों में बंद दृष्टिहीन धृतराष्ट्रों को दिखाने निकले दृश्य नूतन संजयों को आज फिर दिखे हैंअग्निपथ जल रेह धू धू कर अग्नि रथों को जलाते तिनकों की तरह उन नव...

देश

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वो दौर बुरा था यारों जब, साँसे देश की गुलाम थी, कुछ अपने भी भीरू थे, पगड़ी दुश्मन के नाम थी। कैसे देख सकता था कोई...

विवेकानंद

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विवेक में आनंद को खोज कर जिसने अपने शब्द-शब्द में घोला ज्ञान ; राष्ट्रहित में किये जिसने अर्पित अपने तन-मन-प्राण; सत्य और संस्कृति भी हुए जिसको पाकर के महान; ऐसे ऋषि स्वरुप हर विवेक...

मासूम कोख़

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दोस्तों, हम सबने सुना है की पैसे से हर चीज़ खरीदी जा सकती है। आजकल कोख़ भी खरीदी जाती है , तो इसी के...

नसीब

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एक वक्त था, तू मेरे करीब था। कोई ना था अपना मेरा, जब तू मेरा नसीब था। दुनिया ने ठुकराया था, तूने ही तो अपनाया था। आज अकेला छोड़...

मेरी क्या ही औक़ात लिखूं

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वो देश संभाले कांधो पर, संकट-मोचन के दूत लगे शत्रु से साक्षात्कार करें ,मैं कागज पे संहार लिखूं? सरहद पर सीना ताने, अंतिम सांस तलक भिड़ते महफूज...

बिन कहे सब समझ जाती है – माँ

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खुद भूखा रहकर हमे खिलाती है वो, हर दुःख से हमे बचाती है वो, बिन कहे सब समझ जाती है, खुद से ज्यादा हमे चाहती है वो, ऊँगली...

भारत बचाओ

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हमें अपने इस प्यारे भारत को बचाना है, उसे अपना वही पुराना स्थान दिलाना है, चलो अभी यह प्रण हम करें, सब मिलकर, कि बस अब और...

अबोध कन्या की आवाज़ – फ़रियाद मेरी ना काम आयी

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माँ अभी मैं छोटी हूँ मत छीनों मेरा बचपन कैसे मैं रह पाऊंगी तड़प - तड़प मर जाएंगी अभी खेल रहीं मैं गुड़ियों से फिर क्यूँ मुझे बोझ समझती हो, उठाने...