विश्वभर में कई ऐसी जगह है जो आपको सोचने के लिए मजबूर कर देती है। अब ऐसी ही एक जगह है उत्तरी अमेरिका की कैलिफोर्निया के डेथवैली है जो कि भू-वैज्ञानिकों के लिए एक गुथ्ती जैसा बनता जा रहा है। दरअसल यहां हैरान करने वाली चीज अपने आप खिसकते पत्थर है। जिन्हें सेलिंग स्टोंस के नाम से भी जाना जाता है। यहां के रेसट्रैक क्षेत्र में 320 किलोग्राम तक के पत्थरों को जगह बदलते देखा गया है।
सर्दियों में ये पत्थर करीब 250 मीटर से ज्यादा दूर तक खिसके मिलते हैं। 1972 में इस रहस्य को सुलझाने के लिए वैज्ञानिकों की एक टीम बनाई गई। टीम ने पत्थरों के एक ग्रुप का नामकरण कर उस पर सात साल अध्ययन किया। केरीन नाम का लगभग 317 किलोग्राम का पत्थर अध्ययन के दौरान ज़रा भी नहीं हिला। लेकिन जब वैज्ञानिक कुछ साल बाद वहां वापस लौटे, तो उन्होंने केरीन को 1 किलोमीटर दूर पाया। अब वैज्ञानिकों का यह मानना है कि तेज रफ्तार से चलने वाली हवाओं के कारण ऐसा होता है।
बिना किसी हलचल या बल प्रयोग के खिसकते ये पत्थर 1900 के दशक से रहस्य बने रहे। कुछ लोग इसका कारण पारलौकिक शक्तियों को बताते हैं। इतने ही साल से वैज्ञानिक भी इनका कारण पता लगा रहे हैं। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा इनका राज जानने के लिए शोध कर चुकी है। वहीं स्पेन की कम्प्लूटेंस यूनिवर्सिटी के भूवैज्ञानिकों की टीम ने इसका कारण मिट्टी में मौजूद माइक्रोब्स की कॉलोनी को बताया था।
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ये माइक्रोब्स साइनोबैक्टीरिया व एककोशिकीय शैवाल हैं, जिनके कारण झील के तल में चिकना पदार्थ और गैस पैदा होती है। इससे पत्थर तल में पकड़ नहीं बना पाते। सर्द मौसम में तेज हवा के थपेड़ों से ये अपनी जगह से खिसक जाते हैं।वैसे तो कई वैज्ञानिको ने अपनी अपनी राय दी है लेकिन अभी तक ये साफ तौर पर जाहिर नहीं हो पाया है कि आखिर इसका राज क्या है और क्यों पत्थर अपने आप अपने स्थान से खिसक जाते हैं।
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साभार: Wall Street Journal