जानिए क्या है चूड़ियों के रंग की सच्चाई, अविनाश झा की जुबानी

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नोएडा: चूड़ियाँ यानि स्त्री का एक विशिष्ट आभूषण। एक ऐसा आभूषण जो स्त्रियों का मान-सम्मान बढ़ाता है। साथ ही समाज में एक अच्छी छवि बनाने में सहायता करती है। मगर क्या सिर्फ चूड़ियों का संदर्भ औरतों के सम्मान से ही जुड़ा है? क्या पुरूष वर्ग को चूड़ियाँ पहनने की जरूरत नहीं है। रोजाना की खबरों पर नजर डालें तो औरतों के साथ बलात्कार, हत्या और लूट पाट की खबरों का होना आम बात सी हो गई है।

विडंबना तो यह है कि आम पाठक और आज के पुरूष वर्ग इन खबरों को पढ़ कर केवल मजे लेते हैं। साथ ही हंस कर टाल देते हैं। उनके लिए यह मनोरंजन का विषय होता है। इस हास्यास्पद सामाजिक स्थिति की तुलना हम चूडियाँ पहन लेने से न करें तो क्या करे? लाल रंग का तात्पर्य केवल कत्ल के खून से नहीं है, बल्कि उन तमाम आरोपियों को एक सीख है, जो औरतों को केवल कठपुतली एवं अपने लिये एक खेल समझते हैं।

अब जरूरत है, इन बातों को समझने की तथा इन सामाजिक मानसिकताओं को खत्म करने की। तभी सोच बदलेगी  और देश बदलेगा।