ओम बिरला की IAS बेटी पर क्यों उठ रहे सवाल? जानें मॉडलिंग करियर से कैसी बनीं अफसर

अंजली की प्राथमिक शिक्षा राजस्थान के कोटा में ही हुई है। बारहवीं उन्होंने कोटा के सोफिया गर्ल्स स्कूल से की है। इसके बाद उन्होंने दिल्ली के रामजस कॉलेज से ग्रेजुएशन की और फिर भारतीय प्रशासनिक सेवा की तैयारी में जुट गईं।

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दूसरी बार लोकसभा स्पीकर बनकर ओम बिरला (OM Birla) को इतनी लोकप्रियता नहीं मिल रही जितनी उनकी छोटी बेटी को मिल रही है। सोशल मीडिया से लेकर खबरों तक हर जगह ओम बिरला की छोटी बेटी अंजली बिरला (Anjali Birla) की चर्चा तेज है। अब आप सोच रहे होंगे आखिर ऐसा क्या हुआ..दरअसल, अंजली बिरला एक आईएएस ऑफिसर हैं और इसे लेकर सवालिया निशान उठाए जा रहे हैं।

कुछ लोगों का कहना है कि ओम बिरला की मॉडल बेटी अचानक से आईएएस की परीक्षा देती हैं और पहले ही प्रयास में सफल भी हो जाती हैं। अंजली ने साल 2019 में सिविल सर्विस की परीक्षा पास की थी। उन्होंने पहले ही अटेंप्ट में सफलता हासिल की और इस समय वह रेल मंत्रालय में आईएएस अधिकारी के तौर पर काम कर रही हैं।

लेकिन सोशल मीडिया पर चर्चा तेज है कि अंजली बिरला की बैकहैंड एंट्री हुई है और बिना कोई परीक्षा दिए वह पहले ही अटेंप्ट में आईएएस अधिकारी बन गईं। कुछ का यह भी कहना था कि उनके पिता के ऊंचे पद का उनको फायदा मिला है।

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आलोचनाओं पर अंजली बिरला ने दिया जवाब
इन सवालों पर अंजली बिरला ने कहा कि यह देश की सबसे पारदर्शी परीक्षा है और इतने सम्मानजनक संस्थान पर सवाल खड़े नहीं किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि सिविल सेवा परीक्षा तीन स्टेज में होती है और इसमें लगभग एक साल का समय लग जाता है। आईएएस अधिकारी बनने के लिए तीनों एग्जाम पास करना जरूरी होता है। उन्होंने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया बहुत पारदर्शी होती है और बैकहैंड एंट्री की कोई गुंजाइश ही नहीं है।

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कहां से पढ़ी हैं अंजली बिरला?
अंजली की प्राथमिक शिक्षा राजस्थान के कोटा में ही हुई है। बारहवीं उन्होंने कोटा के सोफिया गर्ल्स स्कूल से की है। इसके बाद उन्होंने दिल्ली के रामजस कॉलेज से ग्रेजुएशन की और फिर भारतीय प्रशासनिक सेवा की तैयारी में जुट गईं। अंजली बिरला ने आईएएस अधिकारी बनने का श्रेय उनके पिता और बड़ी बहन आकांक्षा बिरला को दिया। उनका कहना है कि इन दोनों ने ही उनको सपोर्ट किया और ओम बिरला चाहते थे कि अंजली बिरला सिविल सेवा में अपना करियर बनाएं।

जानें अंजली बिरला का IAS बनने का पूरा सच
दरअसल, हर सिविल सेवा परीक्षा के बाद UPSC दो सूचियाँ तैयार करती है- मुख्य सूची और आरक्षित सूची। जबकि मुख्य सूची तुरंत प्रकाशित होती है, आरक्षित सूची तब जारी की जाती है जब मुख्य सूची के सभी उम्मीदवारों को उपलब्ध रिक्तियों का आवंटन कर दिया जाता है। यह प्रक्रिया सिविल सेवा परीक्षा नियम, 2019 के नियम-16 (4) और (5) के तहत स्पष्ट रूप से निर्धारित है। मुख्य सूची से उम्मीदवारों को पद आवंटित करने के बाद, शेष रिक्तियों के लिए आरक्षित सूची से उम्मीदवारों को मेरिट के अनुसार चुना जाता है। UPSC की आरक्षित सूची कोई आरक्षण कोटा सूची नहीं है, बल्कि यह दूसरी मेरिट सूची या प्रतीक्षा सूची जैसी होती है। इस सूची से चुने जाने वाले उम्मीदवारों की संख्या इस बात पर निर्भर करती है कि मुख्य सूची में आरक्षित श्रेणी के कितने उम्मीदवार सामान्य श्रेणी के मानकों को प्राप्त कर चुके हैं।

2019 में, 927 रिक्तियां थीं और अगस्त 2020 में घोषित मुख्य परिणाम में 829 उम्मीदवारों के नाम थे। शेष पदों को आरक्षित सूची से भरा गया। इसका मतलब है कि 2019 UPSC-CSE में, 98 आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों ने सामान्य श्रेणी के मानकों को प्राप्त किया था। इनमें से 89 उम्मीदवारों ने सामान्य श्रेणी के लिए उपलब्ध सीटों का चयन नहीं किया, जो रिक्त रह गईं। फिर जनवरी 2021 में 89 उम्मीदवारों के नाम के साथ आरक्षित सूची जारी की गई। इस सूची में अंजलि बिरला का नाम 67वें क्रमांक पर था, जैसा कि आधिकारिक UPSC रिलीज़ के अनुसार है। सूची में 73 सामान्य, 14 OBC, 01 EWS और 01 SC श्रेणी के उम्मीदवार शामिल थे।  यह स्पष्ट करता है कि उन्होंने UPSC परीक्षा दी थी और सभी चरणों को पार कर IAS अधिकारी बनीं।

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