भारत ने तैयार की हाइपरसोनिक मिसाइल, रडार को भी चकमा देने में माहिर, जानिए इसकी खासियत

दुनिया में अभी केवल अमेरिका, चीन, भारत और रूस ने ही हाइपरसोनिक मिसाइल हासिल कर पाई है। हाइपरसोनिक मिसाइल के इस्तेमाल करने, इनकी संख्या और अन्य टेक्नोलॉजी के मामले में रूस टॉप पर है।

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डिफेंस रिसर्च डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) ने शनिवार रात लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल (Hypersonic Missile) की सफल टेस्टिंग की। क्या आप जानते हैं, लंबी दूरी की इस हाइपरसोनिक मिसाइल की रेंज 1500 किलोमीटर से ज्यादा है। इस मिसाइल से हवा, पानी और जमीन तीनों जगहों से दुश्मन पर हमला किया जा सकता है। लॉन्च के बाद इसकी रफ्तार 6200 किलोमीटर प्रतिघंटे तक पहुंच सकती है, जो साउंड की स्पीड से 5 गुना ज्यादा है।

भारत भी कई वर्षों से हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने में जुटा है। DRDO ने 2020 में एक हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डेमोंस्ट्रेटेड व्हीकल (HSTDV) का सफल परीक्षण किया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत HSTDV का इस्तेमाल करके अपनी हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल बनाने की ओर बढ़ रहा है।

 साथ ही भारत रूस के सहयोग से ब्रह्मोस-II मिसाइल के विकास में जुटा है, जोकि एक हाइपरसोनिक मिसाइल है। ब्रह्मोस-II की रेंज 1500 किमी तक होगी और स्पीड साउंड से 7-8 गुना ज्यादा (करीब 9000 किमी/घंटे) होगी। इसकी टेस्टिंग 2024 तक होने की उम्मीद है। इनके अलावा फ्रांस, ब्रिटेन जैसे देश हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने में जुटे हैं। वहीं नॉर्थ कोरिया भी हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने का दावा कर चुका है।

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हाइपरसोनिक मिसाइल की खासियत

  • हाइपरसोनिक मिसाइलों की सबसे खास बात ये है कि तेज स्पीड, लो ट्रैजेक्टरी यानी कम ऊंचाई पर उड़ान की वजह से इन्हें अमेरिका समेत दुनिया के किसी भी रडार से पकड़ पाना लगभग नामुमकिन है। इसी वजह से इन्हें दुनिया का कोई भी मिसाइल डिफेंस सिस्टम मार नहीं सकता है।
  • हाइपरसोनिक मिसाइलें कई टन परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम होती हैं। ये मिसाइलें 480 किलोग्राम के परमाणु हथियार या ट्रेडिशनल हथियार ले जा सकती हैं। परमाणु हथियार रखने वाले देशों के लिए यह मिसाइल अहम मानी जाती है।

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  • अंडरग्राउंड हथियार गोदामों को तबाह करने में हाइपरसोनिक मिसाइलें सबसोनिक क्रूज मिसाइलों से ज्यादा घातक होती हैं। डिफेंस एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अपनी बेहद हाई स्पीड की वजह से हाइपरसोनिक मिसाइलें ज्यादा विध्वसंक होती हैं।
  • हाइपरसोनिक मिसाइलें मेनुरेबल टेक्नोलॉजी यानी हवा में रास्ता बदलने में माहिर होती है। इससे ये जगह बदल रहे टारगेट को भी निशाना बना सकती हैं। इस क्षमता की वजह से इनसे बच पाना मुश्किल होता है।

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क्या होते हैं हाइपरसोनिक हथियार
हाइपरसोनिक हथियार वे होते हैं जो हाइपरसोनिक गति से यात्रा करते हैं, जिसे ध्वनि की गति से 5 से 25 गुना या लगभग 1 से 5 मील प्रति सेकंड के बीच परिभाषित किया जाता है। अमेरिका के अटलांटिक काउंसिल की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में अभी केवल अमेरिका, चीन, भारत और रूस ने ही हाइपरसोनिक मिसाइल हासिल कर पाई है। हाइपरसोनिक मिसाइल के इस्तेमाल करने, इनकी संख्या और अन्य टेक्नोलॉजी के मामले में रूस टॉप पर है। दुनिया में सबसे तेज हमला करने के मामले में रूस की जिरकॉन हाइपरसोनिक मिसाइल सबसे आगे है। इसकी मिसाइल मैक 8 की गति से 1000 किमी तक हमला करने में सक्षम है।

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