वायरल वीडियो सचिन तेंदुलकर की नहीं, DeepFake का शिकार हुआ खिलाड़ी

डीपफेक शब्द पहली बार 2017 में यूज किया गया था। तब अमेरिका के सोशल न्यूज एग्रीगेटर Reddit पर डीपफेक आईडी से कई सेलिब्रिटीज के वीडियो पोस्ट किए गए थे।

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पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar Deepfake) भी डीपफेक का शिकार हुए हैं। उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वे ‘स्काईवर्ड एविएटर क्वेस्ट’ गेमिंग ऐप को प्रमोट करते नजर आ रहे हैं। अगर आपने भी ये वीडियो देखा तो आप इसपर यकीन करने और शेयर करने से पहले ये खबर जरुर पढ़ें और शेयर भी करें।

दरअसल, सचिन की ये वायरल वीडियो फेक है। इसे AI से तैयार किया गया है। खुद सचिन ने सोशल मीडिया पर इस वीडियो को पोस्ट करके लिखा कि ये वीडियो नकली है और आपको धोखा देने के लिए बनाया गया है। टेक्नोलॉजी का इस प्रकार का दुरुपयोग बिल्कुल गलत है। उन्होंने इस मैसेज के साथ भारत सरकार, सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर और महाराष्ट्र साइबर पुलिस को टैग किया है।

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इसमें फेक वीडियो में वे ये कहते नजर आते हैं कि उनकी बेटी सारा इस गेम से रोजाना बड़ी मात्रा में पैसा निकालती हैं। वे लोगों को बताते हैं कि मुझे आश्चर्य होता है कि अब अच्छा पैसा कमाना कितना आसान हो गया है।

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डीपफेक का शिकार सचिन ही नहीं बल्कि पिछले साल नवंबर में रश्मिका मंदाना का एक डीपफेक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हआ था, जिसमें AI टेक्नोलॉजी से एक इन्फ्लूएंसर के चेहरे पर बड़ी सफाई से रश्मिका का चेहरा मोर्फ किया गया था। इसके बाद, आलिया भट्ट, काजोल आए दिन बॉलीवुड स्टार्स के डीपफेक बनते रहते हैं। आपको बता दें ये बेहद खतरनाक हो सकते हैं।

 डीपफेक होता क्या है और कैसे बनाया जाता है?
डीपफेक शब्द पहली बार 2017 में यूज किया गया था। तब अमेरिका के सोशल न्यूज एग्रीगेटर Reddit पर डीपफेक आईडी से कई सेलिब्रिटीज के वीडियो पोस्ट किए गए थे। इसमें एक्ट्रेस एमा वॉटसन, गैल गैडोट, स्कारलेट जोहानसन के कई पोर्न वीडियो थे।

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किसी रियल वीडियो, फोटो या ऑडियो में दूसरे के चेहरे, आवाज और एक्सप्रेशन को फिट कर देने को डीपफेक नाम दिया गया है। ये इतनी सफाई से होता है कि कोई भी यकीन कर ले। इसमें फेक भी असली जैसा लगता है। इसमें मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सहारा लिया जाता है। इसमें वीडियो और ऑडियो को टेक्नोलॉजी और सॉफ्टवेयर की मदद से बनाया जाता है।

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