27 नवंबर को राजस्थान के इस गांव को मिलेगा बेस्ट टूरिस्ट विलेज अवॉर्ड, जानिए इसकी खासियतें

इस गांव में नीम की लकड़ी जलाना और केरोसिन के उपयोग पर पाबंदी है। खास बात ये भी है कि इस गांव के लोग आज भी शराब और नॉनवेज (मांस) नहीं खाते हैं। 

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राजस्थान के देवमाली गांव (Devmali) को देश का बेस्ट टूरिस्ट विलेज घोषित किया गया है। अब केंद्र सरकार की ओर से 27 नवंबर को दिल्ली में अवॉर्ड देकर सम्मानित किया जाएगा। इस गांव की खास बात ये है कि यहां करीब 3 हजार बीघा जमीन भगवान देवनारायण के नाम है। इसी वजह से यहां लोगों के नाम के पट्टे तक नहीं है। देशमाली गांव ब्यावर जिले के मसूदा उपखंड में आता है।

अरावली की पहाड़ियों के बीच बसे खूबसूरत गांव देवमाली कई मायनों में अनोखा है। गांव के सभी मकान आज भी मिट्टी से बने हैं, जिन पर केलू की छत है। गुर्जर समाज के आराध्य देव भगवान श्री देवनारायण का सुप्रसिद्ध मंदिर है, जहां हर साल लाखों श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं। इस गांव में नीम की लकड़ी जलाना और केरोसिन के उपयोग पर पाबंदी है। खास बात ये भी है कि इस गांव के लोग आज भी शराब और नॉनवेज (मांस) नहीं खाते हैं।

क्या है इस गांव की कहानी
देवमाली गांव में पहाड़ी पर देवनारायण भगवान का एक मंदिर है। मान्यता है कि बरसों पहले जब देवनारायण भगवान यहां से आए ताे उन्होंने कुछ दिन रहने के लिए एक ठिकाना मांगा। गुर्जर समाज के लाेगाें ने कहा- कच्चे घर में हम रहेंगे और आप पक्के में रहिए। देवनारायण भगवान काे दिए उस वचन काे निभाने के लिए आज भी काेई परिवार न ताे सीमेंट और बजरी का उपयोग करता है और न ही पक्का घर बनाता है।

घर में सुविधाएं सब हैं, लेकिन ये लाेग पीली मिट्टी, पत्थर आदि परंपरागत सामग्री से ही अपने घर बनाते हैं। ये लाेग छतों पर केलू ही लगाते हैं। सभी ने कच्चे गड्ढे ही बना रखे हैं। गांव में केवल सरकारी भवन और मंदिर पक्का है, बाकी सभी मकान कच्चे ही हैं।

कैसे चुना गया देवमाली बेस्ट टूरिस्ट विलेज 
पर्यटन क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए कलेक्टर उत्सव कौशल ने देवमाली पर केंद्रित रूरल टूरिज्म की एक डॉक्युमेंट्री लॉन्च की थी। तत्कालीन उपखंड अधिकारी भरत राज गुर्जर के निर्देशन में बनाई गई डॉक्युमेंट्री में देवमाली के वास्तविक ग्रामीण जन जीवन और वहां पर्यटन की संभावनाओं को शूट किया गया था। जनवरी 2024 में मंत्रालय को भेजी गई थी। इस डॉक्युमेंट्री में गांव के वास्तविक स्वरूप के साथ, गांव की परंपरा, लोक जीवन और संस्कृति को दिखाया गया था। इसी डॉक्युमेंट्री के आधार पर गांव का सिलेक्शन बेस्ट टूरिस्ट विलेज के तौर पर हुआ है।

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