हमने वर्ष 2019 में प्रवेश कर लिया है। नव वर्ष को हमेशा आशा के साथ देखा जाता है। अमरीका की न्यूज एंड वर्ल्ड ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अच्छी पहचान बनाने वाले देशों को लेकर एक रिपोर्ट पेश की है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत बहुत तेजी से विकास कर रहा है। यह भी कहा गया है कि भारत आईटी क्षेत्र का केंद्र बनता जा रहा है। अब यह भी समय आ गया है कि हम देखें कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत कहां खड़ा है। रिपोर्ट के अनुसार भारत की जनसंख्या 1.30 अरब बताई गई है जो देश के भविष्य को गरीबी की ओर ले जाने का इशारा भी करती है। संयुक्त राष्ट्र, विश्व आर्थिक मंच,
विश्व बैंक और अन्य संगठनों द्वारा आयोजित किए जाने वाले सर्वेक्षणों में भारत कितने पायदान पर है। यह देखना महत्वपूर्ण है। कहना न होगा कि वर्ष 2018 वैश्विक और घरेलू स्तर पर मिश्रित परिणामों वाला रहा है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा 2018-19 में भारत की विकास दर 7.4% अनुमानित की गई है। लेकिन यह एक टच-एंड-गो स्थिति है। अधिक संभावना है, यह थोड़ा कम ही होगी। देखने पर स्पष्ट पता चल सकता है कि 2019 में भारत की विकास दर में कोई खास बढ़ोतरी नहीं हो वाली। भले ही गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) स्थिर हो गया हो लेकिन बहुत कुछ निवेश दर पर ही निर्भर करेगा। विदेशी व्यापार में वृद्धि के लिए अंतर्राष्ट्रीय माहौैल हमारे अनुकूल नहीं है। इससे हमारे निर्यात पर प्रभाव पड़ेगा और इसलिए सम्भवतः विकास दर 7.2% और 7.5% के बीच ही रहे। हालांकि यह दर किसी भी देश की उच्चतम विकास दर हो सकती है, लेकिन यह हमारी जरूरतों से कम ही है। विकास दर हमेशा ही निवेश की दर और पूंजी की उत्पादकता पर निर्भर करती है। उच्च विकास निरन्तर सुनिश्चित करने के लिए हमें निवेश अनुपात बढ़ाने और वृद्धिशील पूंजी-उत्पादन अनुपात को 4 फीसदी पर रखने की आवश्यकता है। देखा जाए तो सकल स्थिर पूंजी निर्माण अनुपात 2007-08 के 35.8% से गिरकर 2017-18 में 28.5% हो गया है। निवेश अनुपात बढ़ाना आसान काम नहीं है। जरूरी है कि राजनीतिक और आर्थिक वातावरण को पोषित किया जाए।
आर्थिक विकास को प्रभावित करने वाला एक महत्वपूर्ण कारक हमारी बैंकिंग प्रणाली की स्थिति है। मार्च 2018 तक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के ऋणों के अनुपात के रूप में गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) 16.7% था। गैर बैंकिंग वित्तीय कम्पनी (NBFC) प्रणाली भी तनाव में है। इसकी वजह यह है क्योंकि अधिकांश एनबीएफसी बैंकों से उधार लेते हैं। विश्व बैंक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत को सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था के रूप में मान्यता दी हुई है। आगामी वित्त वर्ष 2019-20 में भारतीय अर्थव्यवस्था को सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में देखा गया है। विश्व बैंक की हालिया रिपोर्ट के अनुसार भारत 2018 में ईजी ऑफ डूइंग बिजनेस में रैंकिंग मामले में 77वें स्थान पर आ गया है। वर्तमान भौगोलिक परिदृश्य में भारतीय अर्थव्यवस्था का आकलन उच्च ग्रोथ रेट के रूप में किया गया है। भारत का दवा उद्योग भी कठिन समय का सामना करने के बाद अब पटरी पर आ गया है। वित्त वर्ष 2019 में राजस्व वृद्धि ट्रैक पर वापस आई है। कहना न होगा कि कई सुधारात्मक उपायों और निर्यात में सुधार के साथ दवा उद्योग की रौनक लौट रही है।
एक रिपोर्ट के अनुसार नवाचार मामले में भारत छठे स्थान पर है जबकि चीन दसवें स्थान पर है। खेल के मैदान में भी हमने 2018 में शानदार प्रदर्शन किया है। भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम आईसीसी में अपना शीर्ष स्थान बनाए हुए है। टेस्ट रैंकिंग पर हम शीर्ष स्थान पर पहुंचे हैं। मैरी कॉम ने छठी विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप जीती है। 2018 के एशियाई खेलों में ही भारत ने 69 पदक जीते हैं जो कि उसका अब तक का सबसे बड़ा प्रदर्शन है। भारतीय एथलीटों ने 15 स्वर्ण, 24 रजत और 30 कांस्य पदक जीते।
इन अंतरराष्ट्रीय सर्वेक्षणों में निम्न स्थान पर रहा भारत 2018 में
ग्लोबल हंगर इंडेक्स: 103/119
मानव पूंजी सूचकांक: 158/195
वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट: 133/155
मानव विकास सूचकांक: 130/188
ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट: 108/144
अरबपतियों की संख्या: 3/71
व्यापार सूचकांक करने में आसानी: 77/190
वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता सूचकांक: 58/140
ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स: 57/130
इस्पात उत्पादन: 2/38
प्रेस फ्रीडम इंडेक्स: 138/180
ई-सरकार: 96/192
ग्लोबल पीस इंडेक्स: 136/163
पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक: 177/180
गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए): 3/150
शिक्षा सूचकांक: 92/145
ट्रेडिंग एक्रॉस बॉर्डर्स: 80/190
दुनिया का सबसे बड़ा देश: 117/168
वर्ल्ड गिविंग इंडेक्स: 124/146
महिला उद्यमियों का मास्टरकार्ड इंडेक्स (MIWE): 52/57
सिगरेट पैकेज स्वास्थ्य चेतावनी: अंतर्राष्ट्रीय स्थिति रिपोर्ट: 5/206
ग्लोबल क्लाइमेट रिस्क इंडेक्स 2018: 6 वीं
ग्लोबल एआई नौकरियां: 5 वीं
चोरी रैंकिंग सूचकांक: 19 वीं
प्रबंधन विकास रिपोर्ट: 44 वाँ
ग्लोबल पासपोर्ट इंडेक्स रैंकिंग: 66 वाँ
स्टार्ट-अप उद्योग सूचकांक: 37
एफडीआई विश्वास सूचकांक: 11 वां
आर्थिक स्वतंत्रता सूचकांक: 130
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