मांडलगढ़ : वैसे तो कहा जाता है कि फुलों का तारों का सब का कहना है एक हजारों में मेरी प्यारी बहना हैं। इस कहानी को सुनकर हर कोई अपने रिश्ते को बनाए रखने के लिए जीवन को त्याग देते है, लेकिन एक सप्ताह पहले हुई घटना को सुनकर हर कोई तरह-तरह के सवाल कर रहे है।
जानकारी के अनुसार 30 दिसंबर को शांति देवी तेली अपने ससुराल से बस्सी अपनी छोटी बहिन से मिलने के लिए पहुंची और दोनों बहनें मिलकर बहुत खुश हुई। लंबे समय के बाद दोनों बहनें बैठकर बातचीत कर रही थी उसी दौरान बड़ी बहिन शांति देवी तेली ने छोटी बहिन से कहा कि धापु तूं किशन रेगर के साथ खाती-पीती है इसलिए अपने भाई नारायण का विवाह नहीं हो रहा है और तुने समाज में अपना नाम बदनाम कर रखा है । दोनों बहनों में इस बात लेकर काफी देर तक झगड़ा हुआ ।
यह बात छोटी बहिन को रास नहीं आई और अपने प्रेमी किशन रेगर पुत्र औंकार रेगर निवासी बस्सी को बुलाया और दोनों ने मिलकर साड़ी से फंदा बनाकर गला घोंटकर बड़ी बहिन शांति देवी की हत्या कर दी । इसके साथ ही मृतका के कानों के टोप्स. मांदलिया व पायजेम खोलकर लाश को एक बक्से में रख दिया । मौका देखकर दोनों ने 1 जनवरी रात्रि को ढोकलिया रोड़ कोटड़ी जिला भीलवाड़ा चौराह पर बक्से को पटक दिया जिससे शक हो सके कि हत्या उसके पूर्व पति ने की ।
कोटड़ी सीआई कृष्ण कुमार ने बताया कि पुलिस अधीक्षक के आदेशानुसार दिलीप सैनी. अति. पुलिस अधीक्षक महोदय भीलवाडा के निर्देशन मे टीम का गठन किया जिसमे भोमाराम आरपीएस. सीओ शाहपुरा कृष्ण कुमार. थानाधिकारी कोटडी मय थाने की टीम गोपाल लाल बैरवा, इन्द्रमल, सोजीराम, कमलेश कुमार और रवि कुमार थे। टीम ने अथक प्रयास कर ब्लाइंड मर्डर का ख़ुलासा किया । जिसमे मृतका शांति देवी तेली की हत्या उसी की छोटी बहन व उसके प्रेमी किशन रेगर पुत्र औंकार लाल रेगर निवासी बस्सी द्वारा करना पाया गया ।
मृतका शांति देवी तेली अपने ससुराल से अपनी छोटी बहिन के पास जाने की कहकर निकली थी और मृतका शांति देवी दो दिनों तक अपनी बहन के पास रही। पुलिस ने खुलासा करते हुवे दोनों को गिरफ्तार कर लिया है और मृतका का मोबाइल, सोने के टोप्स, मांदलिया व पायजेम व मृतका की लाश पटकने में जिस मोटरसाइकिल का प्रयोग किया गया उनको बरामद किया जाना है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी दोनों आरोपियों से पूछताछ जारी हैं ।
रिपोर्टर – देव प्रकाश राठौर